नीमास्त्र क्या है ? और इसे बनाने की विधि :-

सबसे पहले समझते हैं नीमास्त्र क्या है ? इसको हम अपनी फसलों में कैसे प्रयोग कर सकते हैं और इसके क्या-क्या लाभ है ?

नीमास्त्र एक प्राकृतिक (ऑर्गेनिक) कीटनाशक है | यह लीफ माइनर व रस चुसक कीड़ो के लिए एक बहुत ही कारगर कीटनाशक है | इसके प्रयोग से शत्रु कीट-पतंगे खेत में नहीं आते है |



नीमास्त्र तैयार करने की विधि :-

नीमास्त्र तैयार करना बहुत ही आसान है | नीमास्त्र  बनाने के लिए नीचे दी गई सामग्री का प्रयोग किया जाता है :-

No.सामग्रीमात्रा 
1देशी गाय का गोबर2 kg 
2गोमूत्र10 लीटर 
3पानी200 लीटर 
4नीम के पत्ते10 kg (नीम की निबोलियो भी प्रयोग कर सकते है ) 
  1. सबसे पहले ड्रम में 200 लीटर पानी ले |
  2. ड्रम में 10 लीटर गोमूत्र डाल दें |
  3. दो किलो देसी गाय का गोबर ले | उसको किसी अलग बर्तन में 10 लीटर पानी के साथ मिक्स कर ले | गोबर और पानी को अच्छी तरह मिक्स करने के उपरांत इस घोल को 200 लीटर पानी वाले ड्रम में डाल दे |
  4. इसके बाद सबसे जरूरी 10 किलो नीम के पत्ते ले और उनको हल्का सा पत्थर से कूट ले या मिक्सी में नीम के पत्तो की चटनी बनाकर 200 लीटर पाने वाले  इसको ड्रम में डाल दे |
  5. अगर आपके नीम के पत्तों को बारीक करने या चटनी बनाने का समय नहीं है तो आप पत्तों को सीधे ड्रम में भी डाल सकते हैं [नीमास्त्र क्या है]|

उसके उपरांत अब इस सामग्री को सुबह व शाम (दिन में दो बार) किसी लकड़ी से 10 से 15 पर घुमाना है ताकि घोल अच्छी तरह मिक्स हो जाए | ऐसा 3-4 दिन करने के उपरांत हमारा नीमास्त्र तैयार हो जाएगा जिसका प्रयोग हम अपनी फसलों में कर सकते हैं ]|

नीमास्त्र क्या है

नीमास्त्र का प्रयोग अपनी फसलों में कैसे कर सकते हैं ?

नीमास्त्र  का अपनी फसलों में प्रयोग करने के लिए  ड्रम में तैयार नीमास्त्र  को कपड़े या बारीक़ छालनी से छान ले और स्प्रे पंप से खेत में फ़सल के ऊपर छिड़काव करें | ऐसा करने पर खेत में शत्रु कीट-पतंगे नहीं आएंगे अगर खेत में पहले से ही कुछ कीट-पतंगे है वह सभी या तो नष्ट हो जाएंगे या खेत से बाहर चले जाएंगे|

नीमास्त्र क्या है

नीमास्त्र प्रयोग करते समय क्या सावधानी रखें |

  • नीमास्त्र में पानी मिक्स ना करें | नीमास्त्र को कपड़े से छानने के बाद आप फसल पर स्प्रे कर सकते |
  • 1 से 8  दिन के छोटे पोधो पर इसका प्रयोग ना करे क्योंकि छोटे पौधों के झुलसने या नष्ट होने का खतरा रहता है | अगर छोटे पौधों में कीट-पतंगे या रस चुसक कीट आ रहे हैं तो नीमास्त्र में 50% पानी मिला कर छोटे पोधो पर स्प्रे कर सकते हैं |
  • एक बार नीमास्त्र तैयार करने के बाद इसका प्रयोग 6 महीने तक कर सकते हैं | 6 महीने से ज्यादा पुराना नीमास्त्र प्रभावहीन हो जाता है |
  • अगर आपको लगता है नीमास्त्र का प्रभाव कम हो रहा है तो उसमें नीम की पत्तियों को बढ़ाकर 15 kg या 20 kg तक भी कर सकते हैं |

सभी किसान भाइयो के सामने एक समस्या आती है कि देसी गाय का गोबर तो प्राप्त हो जाता है लेकिन गोमूत्र प्राप्त नहीं हो पाता है [नीमास्त्र क्या है]|

तो इसके लिए मैं यहां पर यह कहना चाहता हूं जो किसान भाई गोमूत्र को प्राप्त करने में असमर्थ है वह गोमूत्र की जगह वेस्ट डी कंपोजर घोल (सलूशन )का प्रयोग कर सकते हैं|

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नीमास्त्र क्या है

नीमास्त्र क्या है: लोगो के द्वारा पुछे जाने वाले प्रश्न

नीम से कौन सा कीटनाशक प्राप्त होता है?

नीम से नीम का तेल (Neem Oil) प्राप्त होता है, जो कीटनाशक के रूप में उपयोग होता है।

नीम से कौन सी दवाई बनती है?

नीम से नीम की चाल से अनेक चिकित्सीय दवाएं बनती हैं, जैसे की नीम की पत्तियों से नीम की चाय (Neem Tea) बनाई जा सकती है।

नीम कितना हानिकारक है?

नीम आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग हानिकारक हो सकता है, इसलिए सावधानी बरतना चाहिए।

नीम के पेड़ में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

नीम के पेड़ में विटामिन सी पाया जाता है।


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