सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग

 सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग: किसानो द्वारा फसलों में महंगे उर्वरकों का उपयोग किया जाता है। इसकी तुलना में सिंगल सुपर फास्फेट सस्ता और बढ़िया उर्वरक है। एसएसपी खाद के उपयोग से क‍िसान कम लागत में अध‍िक पैदावर ले सकते हैं.

एक अनुमान के मुताब‍िक DAP खाद के उपयोग में अगर एक क‍िसान 1300 रुपए खर्च करता है, तो एसएसपी खाद के उपयोग के तौर पर उसका खर्च तकरीबन 300 रुपए तक का होगा.

आधुनिक उर्वरक उद्योग 1840 के दशक में इस खोज के साथ शुरू किया गया था कि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले फॉस्फेट में सल्फ्यूरिक एसिड के अलावा “सुपरफॉस्फेट” नाम से एक उत्कृष्ट घुलनशील उर्वरक का उत्पादन किया गया था।

इस प्रतिक्रिया में सबसे पहले जमीन पर जानवरों की हड्डियों का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन रॉक फॉस्फेट (एपेटाइट) के प्राकृतिक जमा ने जल्द ही हड्डियों की सीमित आपूर्ति को बदल दिया। एसएसपी बनाना अम्लीय मिट्टी में  एपेटाइट के साथ स्वाभाविक रूप से होता है [सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग]।


सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपीमें मौजूद पोषक तत्व

खेत की मिट्टी में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनकी कमी होने के चलते ही किसानों को बाहर से रासायनिक  एवं जैविक खाद देने की आवश्यकता होती है, ऐसे में इनमें से फास्फोरस व अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग किया जाता है। यह पोषक तत्व इस प्रकार है:-

 फॉस्फोरस16%
 सल्फर11%
 कैल्शियम19%
 जिंक1%
 अन्य पोषक तत्व53%

सिंगल सुपर फास्फेट एक फास्फोरस उर्वरक है। जो पौधे को न्यूक्लिक एसिड, प्रोटीन, फॉस्फोलाइपिड्स और कोएनजाइम जैसे महत्वपूर्ण फॉस्फेटाइड विकसित करने में मदद करता है। यह सेल विभाजन में मदद करता है और रूट (जड़ो ) विकास का विकाश करता है। मिट्टी की बनावट और प्रजनन क्षमता में सुधार करते हैं |

फल और बीज के विकास के लिए यह आवश्यक है। सिंगल सुपर फास्फेट के उपयोग से इन पौधों में एंजाइम एवं विटामिन का निर्माण होता है तथा दलहनी फसलों की जड़ों में ग्रंथियों का निर्माण कर वातावरणीय नाइट्रोजन पौधों को प्राप्त करने में सहायक है एवं फसल की उपज में 15-25 प्रतिशत की वृद्धि होती है |

सिंगल सुपर फास्फेट में केल्शियम की मात्रा भी पाई जाती है। किसान भाई सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग कर फसल उत्पादन बढ़ाएं एवं भरपूर उपज प्राप्त करें। उपस्थित सल्फर की मात्रा भी पाई जाती है जो कि फसलों में क्लोरोफ्लि का निर्माण कर पौधों को प्रोटीन प्रदान करता है [सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग]।

वर्मी कंपोस्ट बनाने व खेत में उपयोग करने से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें।

पौधों के विकास के लिए आवश्यक 16 पोषक तत्व कौन-कौन से हैं ?


सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग (DAP की जगह SSP + यूरिया)

आजकल अक्सर बाजार में DAP की कमी बाजार में देखने को मिल रही है। इस अवस्था में DAP की जगह एसएसपी + यूरिया के प्रयोग कर उसकी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। इसके साथ ही किसानों के लिए यह काफी किफायती भी पड़ता है।

डीएपी में 46% फास्फोरस रहता है जबकि एसएसपी में सिर्फ 16%. यानि की डीएपी की तुलना में एसएसपी में फास्फोरस  कम है. इसलिए जब भी एसएसपी का प्रयोग करें तो डीएपी की तुलना में तीन गुना ज्यादा होना चाहिए. साथ ही यूरिया खाद (Urea Fertilizer) का प्रयोग जरूर करें |

लेकिन यह ध्यान रखें की सिंगल सुपर फास्फेट SSP में सल्फर, कैल्सियम, जिंक व अन्य पोषक तत्व भी है जो इसे DAP खाद से बेहतर बनाते है [सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग]|


सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP के लाभ [सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग]

  • 16% फॉस्फोरससे युक्त है, जो पानी में 100% घुलनशील है
  • जोरदारजड़ विकास को बढ़ावा देता है
  • मिट्टीकी बनावट में सुधार करता है
  • एसएसपी(SSP) में 11% सल्फर होता है जो तिलहन की फसल में तेल सामग्री को बढ़ाता है
  • 21% कैल्शियमसे युक्त है, जो तिनके की कठोरता को बढ़ाता है जिससे फसल में कीट प्रतिरोध बढ़ जाता है
  • फलीवाली फसलों की जड़ों पर गाँठ बनने में सहायता करता है
  • सफेदजड़ों की वृद्धि में सुधार करता है
  • इसमें उपलब्ध सल्फर के कारण तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरक की अपेक्षा अधिक लाभदायक है।

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