शुगर फ्री गेहूं की किस्म सोना मोती गेहूं की खेती के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें

सोना मोती गेहूं की खेती: सोना मोती गेहू स्वास्थ्य लाभ के साथ एक प्राचीन अनाज  है | सोना मोती, दुर्लभ देसी गेहूं की किस्म है। हरित क्रांति से बहुत पहले, भारत में हजारों वर्षों से गेहूं की प्राचीन देसी किस्में उगाई जाती थीं। संकर और उन्नत गेहूं की किस्मों के बड़े पैमाने पर उपयोग के कारण ये किस्में आज देश में लगभग विलुप्त हो चुकी हैं।


सोना मोती गेहूं उपयोग करने से होने वाले लाभ

सोना मोती 2000 साल पुरानी इमर गेहूं की देसी किस्म है। यह ग्लूटेन में कम और फोलिक एसिड में उच्च, प्रोटीन, मैग्नीशियम और आयरन से भरपूर होता है। यह प्रतिरक्षा बनाने में मदद करते हुए रक्त शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है। इस आटे के उपयोग से  आप स्वस्थ जीवन की दिशा में एक कदम बढ़ाते हैं |

  • सोना मोती गेहू में सामान्य गेहू के मुक़ाबले 265% अधिक खनिज पाया जाता है |
  • सामान्य गेहू से 40 प्रतिशत अधिक प्रोटीन पाया जाता है।
  • सोना मोती गेहू में सामान्य गेहू के मुक़ाबले तीन गुना अधिक फोलिक एसिड पाया जाता है
  • फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं के लिए काफी लाभदायक है। साथ ही बालों को भी मजबूत बनता है।
  • सोना मोती गेहू में ग्लूटेन मान भी कम होता है और यह रक्त शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है, और प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद करता है ।
  • सोना मोती की कम शुगर सामग्री इसे मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श बनाती है

सोना मोती गेहूं के बीज कहां से प्राप्त करें :-

सोना मोती गेहूं की के बीज किसी दुकान या मल्टीनेशनल कंपनी के ऑफिस से नहीं मिलेंगे | अगर आपको वहां से मिलते भी हैं तो भी वहा से ना खरीदें, क्योकि उसमें काफी ज्यादा उम्मीद है वह आपको प्राकृतिक गुणों वाले सोना मोती बीज ना प्राप्त हो | इसके लिए आप सोना मोती गेहूं की खेती करने वाले किसानों से संपर्क कर सकते हैं |

कुछ किसानों का विवरण मैंने नीचे दिया है इनसे आप संपर्क करके कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे इन किसानों से तभी संपर्क करें जब आप जैविक खेती करते हुए 1 साल या उससे अधिक का समय हो चुका हो अन्यथा यह किसान आपको सोना मोती के बीज किसी भी कीमत पर नहीं देंगे|

सोना मोती गेहूं की खेती
  • अमृतसर के पिंगलवाड़ा आश्रम |
  • आर्ट ऑफ लिविंग के कृषि प्रभारी से संपर्क करे |
  • मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के किसान वल्लभ पाटीदार |
  • राजस्थान के गंगानगर में फास्कॉर्प से जुड़े किसान भी इस पुरानी किस्म की खेती कर रहे हैं और यह बीज उत्पादन और खपत के लिए भी उपलब्ध है।
  • जो किसान सोना मोती की खेती करना चाहते हैं वह किसान इस किस्म की खेती, बीज एवं अन्य जानकारी 6267086404 नम्बर पर कॉल कर प्राप्त कर सकते हैं।

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सोना मोती गेहूं की खेती करने पर किसानों के होने वाले लाभ :-

  1. प्राकृतिक कृषि पद्धतियों से खेती की गई सोना मोती की कीमत 75-80 रुपये प्रति किलोग्राम है, तुलनात्मक रूप से, अन्य जैविक गेहूं की कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम है।
  2. सोना मोती गेहूं की खेती पूरी तरह से जैविक तरीक़े से की जाती है, इसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद तथा कीटनाशक का प्रयोग नहीं किये जाते है । जिसके फलस्वरूप किसानों को उर्वरक और कीटनाशकों कर खर्च बच जाता है |
  3. जैविक तरीक़े से खेती करते हुए उन्होंने 15 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से पैदावार प्राप्त की है।
  4. गेहूं की इस किस्म में मात्र 3 बार ही सिंचाई की है, जो अन्य गेहूं के मुक़ाबले 2 कम है। 

सोना मोती गेहूं की खेती कैसे करें :-

आर्ट ऑफ लिविंग के किसान नागपाल सोना मोती के साथ अपने शुरुआती अनुभव बताते हैं।

“पांच साल पहले, मैं अपने दोस्तों के साथ अमृतसर के पिंगलवाड़ा आश्रम गया था। हमने प्राकृतिक खेती के बारे में जानने के लिए आश्रम का दौरा किया। उस आश्रम के प्रभारी ने हमें गेहूं की एक अलग किस्म के बारे में बताया जो कि शुगर फ्री होता है।

उन्होंने हमें प्रसाद के रूप में एक मुट्ठी गेहूं दिया और उन्होंने हमें मानवता की खातिर इस गेहूं को उगाने की सलाह दी।

मैंने वह गेहूं (पारशाद) उगाया और पहले साल उपज केवल 3 किलो थी। और दूसरे वर्ष गेहूँ की उपज 80 किलो और धीरे-धीरे- पाँच साल बाद भगवान की कृपा से हमारे पास इस बार 40 क्विंटल गेहूं है। 

सोना मोती गेहूं की खेती

ट्रेसबिलिटी की कमी के कारण हम इस किसान को क्रेडिट नहीं कर पा रहे हैं। सोना मोती उत्पादन के भविष्य में ट्रेसबिलिटी शामिल होगी, ताकि भविष्य के किसानों को उनके काम के लिए उचित क्रेडिट सुनिश्चित किया जा सके।


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