आज रासायनिक कीटनाशक किसान के लिए बहुत महंगे का सौदा होता जा रहा है | इसके अलावा रसायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से कीटों के अंदर रसिस्टेंट पावर आ गई है जिसके कारण कीटनाशक ज्यादा उपयोग करने पड़ते है | और जिसके फलस्वरूप किसानों की रसायनिक कीटनाशक का खर्च दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहे हैं |
इन सब से बचने के लिए भारत सरकार ने जैविक कृषि को बढ़ावा दे रही है | किसान गोमूत्र का प्रयोग करके कीटनाशक बना सकता है |
गोमूत्र से कीटनाशक बनाने के लिए नीचे दी गई सामग्री इकट्ठा कर ले |
No |
सामग्री | मात्रा |
1 |
गोमूत्र |
15 kg. |
2 |
कांग्रेस घास के पत्ते |
02 kg. |
3 |
आख़ के पत्ते |
02 kg. |
4 |
पपीते या अमरुद के पत्ते |
02 kg. |
5 | भंग व धतूरे के पत्ते |
02 kg. |
6 | नीम के पत्ते |
02 kg. |
ऊपर दी गई सामग्री अलावा भी वह सभी तरह के घास-फूस या पत्ते प्रयोग में ला सकते हैं जो की हमारी गाय भैंस नहीं खाती हैं |
इस सामग्री को इकट्ठा करने के बाद, एक पतीले में इकठा करके आग की सहायता से उबाल लें | इस सामग्री को तब तक गर्म करते रहे जब तक गोमूत्र की मात्रा आधी ना रह जाए उसके पश्चात इसको ठंडा करके किसी बर्तन में छान ले | अब आपका यह गोमूत्र कीटनाशक तैयार हैं जो आप फसलों में स्प्रे कर सकते हैं |
छान के उपरांत जो वेस्ट बचा है किसान उसको किसी छायादार जगह पर इकट्ठा कर सुखा ले | जब भी किसान खेत में नई फसल के लिए गुड़ाई करने जा रहे हैं तो इसको पूरे खेत में डाल दें | इसके उपयोग से खेत में दीमक है वाइट बाघ व मिट्टी जनित रोग नहीं होंगे |
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गोमूत्र कीटनाशक का फसलों पर कैसे प्रयोग करें :-
किसान भाई 15 किलो के स्प्रे टैंक में लगभग 250 ग्राम गोमूत्र कीटनाशक डालकर लकड़ी की सहायता से मिक्स कर लें और इसके उपरान्त फसलों पर स्प्रे कर सकते हैं |
गोमूत्र के कीटनाशक के उपयोग से किसानों के लाभ :-
- गोमूत्र कीटनाशक के प्रयोग से किसानों को कम खर्च करना पड़ता है |
- यह केवल मात्र 50 से ₹100 के खर्च में 1 एकड़ का कीटनाशक तैयार हो जाता है |
- यह है ऑर्गेनिक कीटनाशक है | इसके प्रयोग से मनुष्य वह पशुओं को कोई नुकसान नहीं होता है |
- यह हर तरह के कीटो पर प्रभावी है |
गोमूत्र कीटनाशक का प्रयोग करते समय क्या क्या सावधानी रखें :-
- 15 दिन से छोटी फसल पर गोमूत्र कीटनाशक का प्रयोग ना करें | अगर गोमूत्र कीटनाशक का प्रयोग 15 दिन से छोटी फसल पर कर रहे हैं तो उसकी मात्रा 250 ग्राम से कम करके 100 ग्राम पर टैंक कर ले |
- गोमूत्र कीटनाशक की मात्रा स्प्रे करते समय फसल के हिसाब से कम या ज्यादा कर सकते हैं |
- गोमूत्र कीटनाशक का फसलों पर प्रयोग के उपरांत है अगला गोमूत्र कीटनाशक के बनाते समय घास-फूस व पत्तों के प्रकार बदल लेना चाहिए जिससे कीटों के अंदर हर रसिस्टेंट पावर नहीं आएगी |
yesi jankari dena chaiye jo kisan ka faida ho
thanks brother………..
jay ho kisan