नए तरीके से करें ब्रोकली की खेती

नए तरीके से करें ब्रोकली की खेती: उत्तरी राज्य हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा ब्रोकोली की खेती के लिए सर्वोत्तम हैं। यहां सर्दियों में ठंडा मौसम होता है जो ब्रोकोली के लिए बिल्कुल उपयुक्त होता है। याद रखें कि ठीक से पानी दें, मिट्टी की अच्छी निकासी करें और उचित पोषण प्रदान करें|

क्योंकि भारतीय बाजार में ब्रोकोली की मांग बढ़ रही है। इसके अलावा भविष्य में बाजार की मांग और खरीदारों के बारे में भी सोचें ताकि आपकी कमाई बढ़ सके।



नए तरीके से करें ब्रोकली की खेती

सही जगह चुनें: ब्रोकोली की खेती के लिए ठंडी मौसम वाले जगह चुनना बहुत जरूरी है, जैसे हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा। आपके खेत में अच्छी तरह से पानी निकलने वाली मिट्टी होनी चाहिए, ताकि पानी भारी न रहे।

मिट्टी की देखबाल:मिट्टी की सेहत को बनाए रखना भी बहुत जरूरी है। नियमित मिट्टी की जांच करके पोषण की मात्रा और मिट्टी का पीएच स्तर जान लें। इसके अनुसर मिट्टी में खाद और जैविक पदार्थ मिलायें, ताकि ब्रोकोली के लिए उचित पर्यावरण बने।

ड्रिप सिंचाई:पानी का सही इस्तमाल करना भी महत्वपूर्ण है। ड्रिप सिंचाई का इस्तमाल करके पौधों के पास तक पानी पहुंचाएं, जिसमें पानी की बचत होती है और मिट्टी में बराबर गिली बनी रहती है। ब्रोकोली के पौधों के आस-पास मल्चिंग का इस्तमाल करके भी मिट्टी में गिलेपन को बनाए रखें,

जैसे पानी की ज्यादा बचत होती है और मिट्टी का तापमान भी स्थिर रहता है।

कीट और रोग प्रबंधन: अपनी फसल को कीट और रोग से बचाने के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) का प्रबंधन करें। सिर्फ रासायनिक कीटनाशकों पर निर्भर न रहें, जैविक प्रबंधन और कीटनाशकों के नुकसान को कम करने के लिए बाल्की कीट और रोग को कम करें [नए तरीके से करें ब्रोकली की खेती]।

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ब्रोकोली की बुवाई का सही समय क्या है?

ब्रोकोली की बुवाई का सही समय के लिए, आपको सर्दियों के मौसम में खाना चाहिए, जो आम तौर पर अक्टूबर से फरवरी के बीच होता है। ये ध्यान में रखें कि ये मौसम भारत के विभिन्न हिसों में थोड़ा अलग हो सकता है। अक्टूबर या नवंबर में ब्रोकोली लगाने से पौधे ठंडे मौसम में अच्छी तरह से बढ़ते हैं,

जिनकी अच्छी पैदावार होती है। अपने स्थल के मौसम को जांचें और क्षेत्रीय कृषि विशेषज्ञों से अपने क्षेत्र के लिए सही बोई तिथि का परामर्श प्राप्त करें।

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ब्रोकोली की खेती के लिए बीज को कहा से ख़रीदे?

ब्रोकोली के बीज खरीदने के लिए आप अपने किसान बीज स्टोर का उपयोग कर सकते हैं। आपकी पसंदीदा किसान बीज दुकान से जानकारी प्राप्त करके उन्हें बीज खरीद सकते हैं, फिर भी ऑनलाइन ( Amezon, Flipkart ) व्यापारिक वेबसाइटों पर जाकर पसंद की विभिन्न किस्मों की खोज कर सकते हैं।

जब आप बीज चुन रहे हैं, तो ध्यान दें कि वे आपके स्थान के मौसम और मिट्टी की स्थिति के अनुरूप हैं। बीज खरीदते समय, उनके गुणवत्ता और प्रमाण को भी देखें, ताकि आपकी ब्रोकली की खेती में अच्छी पैदावार हो सके [नए तरीके से करें ब्रोकली की खेती]।

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ब्रोकोली की कौन सी किस्म सबसे अच्छी होती है?

भारत के लिए ब्रोकली की खेती के लिए बेहतरीन बीजोन में से कुछ चुनने के लिए ये विकल्प हैं:

  1. पूसा पर्पल: पूसा पर्पल ब्रोकोली की प्रजाती, उसके गहरे गुलाबी फूलों के लिए प्रसिद्ध है और इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है। ये बीजा IARI (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) से मिल सकता है।
  2. पूसा अर्ली मार्केट: पूसा अर्ली मार्केट ब्रोकोली जल्दी फूल देने वाली होती है और बाजार में जल्दी पहुंचती है, इसकी आपको अच्छी किस्मत मिल सकती है। इसका बीज भी IARI (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) से उपलब्‍ध होता है।
  3. कैलाब्रेसे ग्रीन स्प्राउटिंग: कैलाब्रेसे ग्रीन स्प्राउटिंग एक प्रशांसनिया प्रजाती है जिसका बीज काई बीजोन की दुकान पर मिलता है। क्या प्रजाती का फूल हरि रंग का होता है।
  4. सेमिनिस: सेमिनिस एक प्रसिद्ध बीज कंपनी है जो उच्च गुणवत्ता वाली ब्रोकोली प्रदान करती है। उनका बीज किसान बीज दुकान पर लाभ होता है।
  5. परोपकारी: हितैषी ब्रोकोली प्रजाती भी प्रशांसनिया है, और इसका बीज बीज दुकान में उपलबध हो सकता है।
  6. ग्रीन मैजिक: ग्रीन मैजिक ब्रोकोली प्रजाती भी उत्तम है, और इसका बीज किसान बीज दुकानों पर मिल सकता है।
  7. इटालिका: इटालिका ब्रोकोली भी प्रसिद्ध है जिसका बीज अक्सर बीज दुकानों पर उपलब्ध होता है।

विकल्पों में से किसी भी प्रजाती के बीज को अपने क्षेत्र के अनुकूल मौसम और मिट्टी के आधार पर चुना जा सकता है। बीज चुनने से पहले बीज की गुणवत्ता और प्रमाण को भी ध्यान में रखें, ताकि आपकी ब्रोकली की खेती में अच्छी पैदावार हो सके [नए तरीके से करें ब्रोकली की खेती]।

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ब्रोकोली की खेती नर्सरी कैसे तयार करे?

ब्रोकोली की नर्सरी तैयार करने के लिए, आप ये कदम फॉलो कर सकते हैं:

  1. बीज चुनाव: सबसे पहले, बीज चुनाव करें। उच्च गुणवत्ता वाली ब्रोकोली के बीज चुनने में ध्यान दें, जो आपके स्थान के मौसम और मिट्टी की स्थिति के अनुकूल है।
  2. बीजई की ताईयारी: बीजाई की ताईयारी के लिए एक पाटला और लंबा खेत या ट्रे का इस्तमाल करें। इसमें खाद और मिट्टी को अच्छी तरह से मिला लें।
  3. बीज बोना: बीज को धीरे-धीरे इस ट्रे में बोएं। बीज को थोड़ी गहराई में दबा दें, फिर उसको हल्के से ढक दें।
  4. प्रशिक्षण देना: जब आप बीज बो दें, तो उसको धीरे-धीरे पानी देना शुरू करें। आप इसे किसी स्प्रे या मिस्टिंग सिस्टम से भी कर सकते हैं।
  5. तपमान और प्रकाश की देखबाल: बीजाई को प्रशिक्षण के दौरान ध्यान दें कि तपमान और प्रकाश सही हो। बीजाई को दिन में 18-24°C के भीतर और रात को 10-16°C के भीतर रखें।
  6. प्रत्यारोपण: जब बीजाई के पौधे 4-6 सप्ताह के हो जाएं और 4-6 पत्ते हों, तब उन्हें खेत में प्रत्यारोपण कर सकते हैं।
  7. संभल देना: बीजाई की नर्सरी के पौधों का अच्छी तरह से संभाल कर रखें। उन्हें खरपतवारों से बचाने के लिए इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (आईपीएम) का तरीका अपनाना चाहिए [नए तरीके से करें ब्रोकली की खेती]।

नर्सरी तैयार करने से पहले, अपने क्षेत्र के अनुकूल मौसम और मिट्टी की स्थिति को भी ध्यान में रखें।


ब्रोकोली की खेती के लिए खेत की तयारी कैसे करे?

UpkaranPrati Ekad (Acre) Matra
Jaivik Khad10-15 tan
Micro NutrientsBhoomi ki jaanch ke anusaar
Nitrogen Fertilizer60-80 kilogram
Phosphorus Fertilizer40-50 kilogram
Potassium Fertilizer40-50 kilogram

ब्रोकोली की खेती शुरू करने से पहले भूमि की तैयारी के लिए किन खादों की मात्रा लगती है:
जैविक खाद: खेती के लिए भूमि को 10-15 तन जैविक खाद से अच्छी तरह से मिलायें। जैविक खाद में खाद या खेत की खाद जैसी खाद शामिल कर सकते हैं। इस भूमि की उर्वर शक्ति बढ़ती है और पोषण मिलता है। बीजाई लगाने से पहले जैविक खाद को मिट्टी में मिला लें।
सूक्ष्म पोषक तत्व: सूक्ष्म पोषक तत्व की मात्रा भूमि की जांच होती है। भूमि की जांच करके उसके आधार पर सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा का निर्धारण करें और फिर उपयोग देने का फैसला लें।
नाइट्रोजन उर्वरक: पौधो के स्वस्थ विकास और पौधों की वृद्धि के लिए प्रति एकाद 60-80 किलोग्राम नाइट्रोजन उर्वरक का उपयोग करें। नाइट्रोजन पौधों की पूरी तरह से विकसित होने के लिए महत्वपूर्ण है।
फास्फोरस उर्वरक: जदोन के विकास और पौध की शुरुआती विकास को सहायता देने के लिए प्रति एकाद 40-50 किलोग्राम फास्फोरस उर्वरक का उपयोग करें। फॉस्फोरस मजबूत जदों के विकास के लिए महत्तवपूर्ण है।
पोटेशियम उर्वरक: पौधों को रोग और तनाव के प्रति प्रति उत्तरदायित्व देने में सहायक होने के लिए प्रति एकाद 40-50 किलोग्राम पोटेशियम उर्वरक का उपयोग करें। पोटैशियम पौधो की सामान्य सेहत के लिए महत्तवपूर्ण है [नए तरीके से करें ब्रोकली की खेती]।

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ब्रोकोली खेती के लिए Bad तैय्यारी और मल्चिंग की जानकारी

ब्रोकोली की खेती के लिए bad तयारी: ब्रोकोली की खेती के लिए बेड तैयार करना महत्तवपूर्ण है। सबसे पहले, एक पौधो के लिए बेड तैयार करें। बेड की लम्बाई खेत के अनुसार और चौड़ाई 2-3 फीट की हो सकती है। बेड को अच्छी तरह से खोदकर, उसमें खाद और मिट्टी को मिलायें।

Bad की गहराई लगभग 6-8 इंच होनी चाहिए। इस बेड पर पौधे उगाने के लिए राई (पंक्तियों) का बनाव बनाएं, पोधों के बीच में 18-24इंच की दूरी रखें।

  • मल्चिंग लगाना: ब्रोकली की खेती में मल्चिंग का उपयोग किया जा सकता है। मल्चिंग से भूमि की गर्मी को काम रखा जाता है और पौधों को पानी की बचत होती है। मल्चिंग के लिए पौधो के आस-पास खुल्लद, कुछ पत्ते या प्लास्टिक के मल्च फिल्म का इस्तमाल किया जा सकता है।

ब्रोकोली की फसल के लिए फर्टिगेशन

Kheti Ke CharanUpkaranMatra Prati Ekad (Acre)Aavashyakta Ke Anusaar
Pehle BoniJaivik Khad10-15 tanBeejai se pehle
Phosphorus Fertilizer20-25 kilogramBeejai se pehle
Potassium Fertilizer20-25 kilogramBeejai se pehle
MicronutrientsBhoomi ki jaanch ke anusaarBeejai se pehle
TransplantingNitrogen Fertilizer
2 -3 kilogram
Transplanting ke samay
Vriddhi AvasthaNitrogen Fertilizer2.0-3.0 kilogramPratidin 15-20 dinon mein
Potassium Fertilizer2.0-2.5 kilogramPratidin 15-20 dinon mein
Mukh Rup Ki SrishtiNitrogen Fertilizer2.0-3.0 kilogramPratidin 15-20 dinon mein
Phosphorus Fertilizer2.0-2.5 kilogramPratidin 15-20 dinon mein
Potassium Fertilizer2.0-2.5 kilogramPratidin 15-20 dinon mein
Katai Se Ant TakNitrogen Fertilizer2.0-3.0 kilogramPratidin 15-20 dinon mein
Potassium Fertilizer2.0-2.5 kilogramPratidin 15-20 dinon mein
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ब्रोकोली खेती के लिए फर्टिगेशन:

पहले बोनी (रोपण पूर्व): बीजाई से पहले, भूमि में 10-15 तन जैविक खाद, 20-25 किलोग्राम फास्फोरस उर्वरक, 20-25 किलोग्राम पोटेशियम उर्वरक, और भूमि की जांच के अनुसर सूक्ष्म पोषक तत्व मिला लें।

रोपाई: रोपाई के समय, पौधों को 2-3 किलोग्राम नाइट्रोजन उर्वरक से पोषण प्रदान करें ताकि उनका स्वस्थ विकास हो सके।

वृद्धि अवस्था (वानस्पतिक वृद्धि): वृद्धि अवस्था में, प्रतिदिन 15-20 दिनों में पौधों को पोषण देने के लिए उपकरण जारी रखें। हर 3 दिन के बाद 2-3 किलोग्राम नाइट्रोजन उर्वरक, 2-2.5 किलोग्राम पोटेशियम उर्वरक, और 2-2.5 किलोग्राम फास्फोरस उर्वरक का उपयोग करें ताकि पत्तियों और पौधों का विकास हो सके।

मुख रूप की सृष्टि (सिर गठन): जब ब्रोकोली मुख रूप बनाते हैं, तब भी प्रतिदिन 15-20 दिनों में पौधों को पोषण देना जारी रखें। प्रति दिन 2-3 किलोग्राम नाइट्रोजन, 2-2.5 किलोग्राम फास्फोरस, और 2-2.5 किलोग्राम पोटेशियम उर्वरक का उपयोग करें।

कटाई से अंत तक (फसल समाप्त होने तक): कटाई शुरू होने के बाद भी पौधों को स्वस्थ रखें। हर 3 दिन के बाद 15-20 दिनों में (हर 3 दिन के बाद) 2-3 किलोग्राम नाइट्रोजन और 2-2.5 किलोग्राम पोटेशियम उर्वरक का उपयोग करें [नए तरीके से करें ब्रोकली की खेती]।

अपने क्षेत्र की विशिष्टाओं और फसलों की संभावनाओं के आधार पर उपकारनों की मात्रा को समय-समय पर सुधार लें। उर्वरकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों को पौधों तक पहुंचाने के लिए जल संचयन प्रक्रिया का पालन करें।


ब्रोकोली खेती के लिए स्प्रे शेड्यूल

ब्रोकली की फसल के लिए रोग निवारण जानकारी नीचे दी गई है |

RogDawaSpray
Powdery Mildew (पाउडरी मिल्ड्यू)सल्फर-आधारित फंगाइसाइड (Sulphur-based fungicides)पहले संकेत में और आवश्यकता के हिसाब से हर 10-14 दिन में स्प्रे करें।
Leaf Blight (पत्तियों की बीमारी)मैनकोजेब या तांबा-आधारित फंगाइसाइड (Mancozeb or Copper-based fungicides)पहले संकेत में आवश्यकतानुसार और पौधों की वृद्धि के दौरान हर 10-14 दिन में स्प्रे करें।
Fusarium Wilt (फ्यूज़ेरियम विल्ट)कोई रसायनिक नियंत्रण उपलब्ध नहीं है। कृषि क्रम से आधारित और भूमि प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करें।
Root Rot (रूट रॉट)ट्राइकोडर्मा-आधारित जैविक कीटनाशक (Trichoderma-based biopesticides)बोने के समय और वृद्धि के प्रारंभिक चरणों में स्प्रे करें।
Aphids (एफिड्स)नीम तेल या कीटनाशक साबुन (Neem oil or Insecticidal soap)पहले संकेत में, आवश्यकता के हिसाब से बार-बार स्प्रे करें।
Whiteflies (सफेद मक्खियाँ)नीम तेल या कीटनाशक साबुन (Neem oil or Insecticidal soap)पहले संकेत में, आवश्यकता के हिसाब से बार-बार स्प्रे करें।

कृपया ध्यान दें कि उपयुक्त दवा और स्प्रे बीमारी के प्रकोप की गंभीरता, और आपके क्षेत्र में उपलब्ध उत्पादों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। उत्पाद पैकेट पर दिए गए निर्देशों का पालन करें और रोग नियंत्रण के लिए संयुक्त कीट प्रबंधन के प्रैक्टिस का विचार करें। साथ ही, अपने स्थानीय कृषि विस्तार सेवा से क्षेत्र-विशिष्ट सिफारिशों के लिए सलाह लें।


ब्रोकोली फसल का कटाई समय

ब्रोकली फसल का कटाई समय स्थिति और फसल के विकास पर निर्भर करता है। आम तौर पर, ब्रोकोली को कटाई करने के लिए लगभाग 70 से 90 दिन लगते हैं जब से पौधे को प्रारंभिक ( नर्सरी ) से उगाया गया था। फसल की दिखने वाली मुख रूप और पत्तों के विकास को मध्य रूप से देखते हुए समय को चयन करना महत्वपूर्ण है।

जब ब्रोकोली के मुख रूप साक्षर और सितारे हो जाते हैं, और पत्ते विविध रंग और विविधता में उभरने लगते हैं, तब यह समय होता है कि आप इसको कटाई के लिए तैयार हो सकते हैं। ध्यान रखें कि समय पर कटाई करके आप अधिक स्वादिस्ट और गुणकारी ब्रोकोली प्राप्त कर सकते हैं।


ब्रोकोली की खेती में लाभ और हानि

ब्रोकोली की खेती एक लाभकर और मुनाफ़ा देने वाली फसल हो सकती है, लेकिन इसमें कुछ हानियाँ भी हो सकती हैं, जो निम्न प्रकार से हो सकती हैं:

ब्रोकोली की खेती में फायदे

  1. अच्छी बिकरी के लिए: ब्रोकली की डिमांड आजकल अच्छी है, खास स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग इसे अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं। इसे आप अच्छी बिकरी कर सकते हैं, जिसे आपका अच्छा मुनाफ़ा हो सकता है।
  2. सेहतमंद फसल: ब्रोकोली एक स्वस्थवर्धक फसल है, इसमें विटामिन सी, विटामिन के, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आपके शरीर के लिए फ़ायदेमंद होते हैं।
  3. संभावना है खुदाई नहीं की जरूरत: ब्रोकोली को साधारण तौर पर पौधे के रूप में उगया जाता है, इसका मतलब है कि आपकी खुदाई की अधिक जरूरत नहीं होती, जिसकी आपकी मेहनत कम होती है।
  4. अच्छी कीमत: अगर आपके क्षेत्र में ब्रोकली की अधिक मांग है, तो आप इसे अच्छी कीमत पर बेच सकते हैं।
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ब्रोकोली की खेती में चुनौतियाँ

  1. रोग और कीट: ब्रोकोली फसलों को रोग और कीट प्रकृति से नुकसान हो सकता है, जैसे कि पाउडरयुक्त फफूंदी, एफिड्स और पत्तागोभी के कीड़े। इनसे निपटने के लिए सहारा लेना पड़ सकता है।
  2. ठंड और गरमी की समस्या: ब्रोकोली ठंडी और गरमी दोनों के प्रति सुखद होती है, इसलिए आपको मौसम के अनुकूल रूप से खेती करनी होगी।
  3. लगत और उपकार: ब्रोकोली की खेती में लगती भी है, जैसे बिजाई की लगती, जैविक खाद, और कीट निवारण। इसके अलावा, उपकरण और सामग्री की भी समीक्षा होती है।
  4. किसानों की खेती समय और मेहनत की आवश्यकता: ब्रोकोली की खेती समय और मेहनत की आवश्यकता होती है, इसलिए इसे ध्यान से और समय पर देखभाल करनी पड़ती है।

अगर आप सही तरीके से खेती करते हैं और खेती से जुड़े समस्याओं का समाधान ढूंढते हैं, तो ब्रोकोली की खेती आपके लिए लाभकारी हो सकती है। आप स्थायी कृषि विस्तार से सलाह लेकर और सहायता लेकर इसमें सफलता प्राप्त कर सकते हैं।


ब्रोकोली की खेती: लोगो के द्वारा पुछे जाने वाले प्रश्न

Q: ब्रोकली को बीज से उगने में कितना समय लगता है?

Ans: ब्रोकली को बीज से उगाने में आमतौर पर 70 से 90 दिन लगते हैं, जब से पौधे को प्रारंभिक रूप से उगाया गया था।

Q: ब्रोकली क्या भाव है?

Ans: ब्रोकली की मांग आजकल अच्छी है, खासकर स्वस्थवादी लोग इसे अपने आहार में शामिल कर रहे हैं, जिससे आप अच्छी पैसे कमा सकते हैं।

Q: भारत में ब्रोकली कहां उगाई जाती है?

Ans: भारत के उच्च आल्टीट्यूड क्षेत्रों और उत्तर भारत के समुद्र तट क्षेत्रों में ब्रोकली की खेती की जाती है।

Q: ब्रोकली कितनी तेजी से बढ़ती है?

Ans: ब्रोकली तेजी से नहीं बढ़ती है, इसलिए आपको धैर्य और सही देखभाल की आवश्यकता होती है।

Q: आप घर के अंदर ब्रोकोली के बीज कैसे शुरू करते हैं?

Ans: आप घर के अंदर ब्रोकोली के बीज को बीज पोट में बोने सकते हैं, फिर उन्हें खूबसुरत नर्सरी में विकसित करने के लिए उपयुक्त मौसम और देखभाल प्रदान करें

Q: क्या मैं घर के अंदर ब्रोकली उगा सकती हूं?

Ans: हां, आप घर के अंदर ब्रोकली उगा सकते हैं, यदि आपके पास प्राप्त मौसम और उपयुक्त बागवानी स्थान है

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