केसर की खेती से बदलेगी किसानों की किस्मत…जानिए कैसे ?

भारत में केसर की खेती की मांग जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड के उच्च आचरण क्षेत्रों में अधिक होती है। यहां की ज़मीन और मौसम केसर की खेती के लिए उपयुक्त होते हैं। अगर आप उत्तर भारत के किसान हैं और साफ़रन की खेती करने का विचार कर रहे हैं, तो आपको इन राज्यों के उच्च आचरण क्षेत्रों की ओर ध्यान देना चाहिए।


केसर की बुवाई का सही समय क्या है?

केसर की खेती भारत में आमतौर पर अक्टूबर से दिसंबर के महीनों में की जाती है, जब मौसम शीतलहर के आगमन के साथ ठंडी होती है। इस समय कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड के उच्च आचरण क्षेत्रों में खेती की जाती है, ज़मीन पर बर्फ पड़ने के बाद साफ़रन के फूल खिलने की प्रक्रिया शुरू होती है।

इस अवधि में साफ़रन की खेती करने के लिए समय सही होता है।


केसर की खेती के लिए बीज को कहा से ख़रीदे?

अच्छे क्वालिटी के केसर (सफ़्फरन) के बीज प्राप्त करने के लिए आपके पास कुछ विकल्प हैं। पहले, आप केसर की खेती क्षेत्रों में जैसे कि जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड में सरकारी कृषि विभागों या अनुसंधान संस्थानों से सर्टिफाइड सफ़्फरन के बीज और

किसानों के समर्थन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अपने स्थानीय कृषि विभाग के कार्यालय से बीज की उपलब्धता और खरीददारी प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त करें।

दूसरे, सफ़्फरन के बीजों में विशेषज्ञ होने वाले किसानों और किसानों के सहयोगी किसान संघों से जुड़ सकते हैं। उनके पास आपको सटीक और अच्छी गुणवत्ता के सफ़्फरन के बीजों के बारे में सुझाव दिए जा सकते हैं। साथ ही, वे अपने अनुभवों के आधार पर मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।

सफ़रन के बीजों की खरीदारी करते समय, यह सुनिश्चित करें कि वे सर्टिफाइड हैं और अच्छी गुणवत्ता के हैं,

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केसर की खेती

केसर की कौन सी किस्म सबसे अच्छी होती है?

केसर की किस्मों में कुछ प्रमुख जातियाँ होती हैं जो भारत में प्रसिद्ध हैं और आपके क्षेत्र में उपयुक्त हो सकती हैं। यह कुछ जातियाँ हैं:

  1. लच्छा (Lacha): यह एक प्रसिद्ध केसर की जाति है जो कश्मीर और उत्तराखंड में पायी जाती है। इसके फूल बड़े होते हैं और फाइबर्स की अच्छी मात्रा होती है, जिससे यह बाजार में महंगा होता है।
  2. ग्रीन साफरन (Green Saffron): यह एक और लोकप्रिय केसर की जाति है जो उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में पायी जाती है। इसकी खास बात यह है कि यह प्राकृतिक तरीके से सुखाया जाता है, जिससे उसका स्वाद और खुशबू महकदार होता है।
  3. ईरानी केसर (Iranian Saffron): ईरान से आई ईरानी केसर भी बड़ी मात्रा में भारत में उपयोग की जाती है। इसके फूल बड़े होते हैं और इसका स्वाद भी महिलाओं के लिए बेहद आकर्षक होता है।
  4. काश्मीरी केसर (Kashmiri Saffron): यह भारत के कश्मीर क्षेत्र से प्राप्त की जाती है और यहाँ के आदिकृषि की भूमि पर उगाई जाती है। इसका स्वाद और खुशबू बेहद महकदार होता है।
  5. मुग़लसरायी केसर (Mughalsarai Saffron): यह जाति उत्तर प्रदेश के मुग़लसरायी क्षेत्र से प्राप्त होती है और इसकी विशेषता उसके बड़े और गहरे रंग के केसर के फूलों में होती है।
  6. पालक केसर (Palak Saffron): यह जाति उत्तराखंड के पालक क्षेत्र से प्राप्त होती है और इसके फूल सुंदर और गहरे लाल रंग के होते हैं
  7. आपके क्षेत्र और खेती की शर्तों के आधार पर यहाँ से उपयुक्त केसर की जाति का चयन करें, और स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें ताकि आपकी सफ़रन की खेती में सफलता मिले।

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केसर की खेती के लिए खेत की तयारी कैसे करे?

पौधों को खेत में ट्रांसप्लांट करने का तरीका: केसर के पौधों को खेत में ट्रांसप्लांट करने से पहले, आपको सुनिश्चित करना होगा कि पौधे पूरी तरह से तैयार हैं और उनकी अच्छी गुणवत्ता वाली वर्षा की सूचना होती है। ट्रांसप्लांटिंग के लिए, आपको पौधों को सुबह या शाम के ठंडे समय में बोना जाना चाहिए,

ताकि पौधे ज्यादा तंदुरुस्त रहें। ट्रांसप्लांट करने के लिए जलवायु अच्छी होनी चाहिए और पूरे पौधों को एक ही गहराई तक खुदाई करना चाहिए। बोने गए पौधों की दिशा और दूरी को समान रखें ताकि पौधों के बीच की दूरी सही हो।

पौधों की दूरी: केसर पौधों की दूरी के बारे में, आपको प्रति पौधे के बीच 8-10 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए। इसके लिए, आप पूरे खेत की साइडों में पौधों की खुदाई करके इन्टरलॉक कर सकते हैं, ताकि पौधों की गुणवत्ता और योग्यता बनी रहे। इससे केसर की पौधों को सही तरह से ग्रो करने में मदद मिलेगी और आपको बेहतर पैदावार मिलेगी।

नीचे एक एकड़ के केसर (सफरन) खेती के लिए उपयुक्त मैन्योर, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, और उर्वरक की सूची है:

उपायमात्रा/दर प्रति एकड़समय
कार्बनिक मैन्योर5-10 टनभूमि की तैयारी के दौरान
गोबर खाद2-4 टनभूमि की तैयारी के दौरान
वर्मीकंपोस्ट1-2 टनभूमि की तैयारी के दौरान
नीम केक या पाउडर100-200 किलोग्रामभूमि की तैयारी के दौरान
फॉस्फोरस यूरिया20-40 किलोग्रामभूमि की तैयारी के दौरान
पोटैशियम फर्टिलाइजर20-40 किलोग्रामभूमि की तैयारी के दौरान
जिंक सल्फेट5-10 किलोग्रामभूमि की तैयारी के दौरान
बोरैक्स2-4 किलोग्रामभूमि की तैयारी के दौरान
केसर की खेती

नोट:

  1. सुनिश्चित करें कि कार्बनिक मैन्योर और गोबर खाद को पूरी तरह से पकाया हुआ है पहले उपयोग करने से पहले।
  2. माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और उर्वरक को भूमि के साथ भलीभांति मिलाया जाना चाहिए भूमि की तैयारी के दौरान।
  3. अपनी भूमि की पोषण मांग को जानने के लिए भूमि परीक्षण कराएं और आपकी खाद की आवश्यकताओं को आधारित करें।

ध्यान दें कि अपनी विशेष भूमि और जलवायु शर्तों के आधार पर खाद लागू करने के लिए स्थानीय कृषि विशेषज्ञों या आपके निकटतम कृषि विस्तार कार्यालय से सटीक मार्गदर्शन प्राप्त करें।


केसर की फसल के लिए फर्टिगेशन

यहां केसर की खेती के लिए प्रारंभिक दिन से लेकर उत्पादन के अंत तक, तालिका प्रारूप में एक पूर्ण जानकारी दिया गया है:

केसर खेती के लिए पूर्ण उर्वरक प्रबंधन अनुसूची

दिन/चरणऊर्जा/आवश्यकतामात्रा प्रति एकड़समय
दिन 1-10ओर्गेनिक मैन्योर (कोम्पोस्ट)5-10 टनबोने जाने के समय
दिन 1-10गोबर खाद2-4 टनबोने जाने के समय
दिन 15-20यूरिया (नाइट्रोजन)20-40 किलोग्रामखेती के दौरान
दिन 15-20मूरियेट ऑफ पोटैश (पोटैशियम)20-40 किलोग्रामखेती के दौरान
दिन 25-30बोरैक्स (बोरॉन)2-4 किलोग्रामखेती के दौरान
दिन 35-40जिंक सल्फेट (जिंक)5-10 किलोग्रामखेती के दौरान
फूलों का बुढ़ापे के साथअमोनियम नाइट्रेट (नाइट्रोजन)20-40 किलोग्रामखेती के दौरान

सुनिश्चित रहें:

यहां एक और गहरा जानकारी वाली फर्टिगेशन स्केड्यूल है जिसमें आपको और अधिक विस्तार से बताया जाएगा:

  1. दिन 1-10 (बोनिंग के समय): पहले दस दिनों में, आपको ओर्गेनिक मैन्योर (कोम्पोस्ट) का प्रयोग करना होगा। आप खेत को 5-10 टन के कोम्पोस्ट के साथ मिश्रित कर सकते हैं। इससे खेत को पोषण मिलेगा और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
  2. दिन 1-10 (बोनिंग के समय): साथ ही, गोबर खाद का भी प्रयोग करें, जिसे आप 2-4 टन प्रति एकड़ में डाल सकते हैं। गोबर खाद में मिले गुणवत्ता के साथ, यह पौधों को और अधिक पोषण प्रदान करेगा।
  3. दिन 15-20 (खेती के दौरान): खेती के दौरान, यूरिया (नाइट्रोजन) का प्रयोग करें। इससे पौधों को पर्याप्त नाइट्रोजन मिलेगा, जिससे उनका विकास और प्रशंसन होगा।
  4. दिन 15-20 (खेती के दौरान): फॉस्फोरस के लिए मूरियेट ऑफ पोटैश (पोटैशियम) का प्रयोग करें। यह पौधों की मजबूती और फूलों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
  5. दिन 25-30 (खेती के दौरान): बोरैक्स (बोरॉन) का प्रयोग करें, जिससे गुणवत्ता और रंगीनी बेहतर हो।
  6. दिन 35-40 (खेती के दौरान): जिंक सल्फेट (जिंक) का प्रयोग करें, जो पौधों के सामान्य विकास के लिए आवश्यक है।
  7. फूलों का बुढ़ापे के साथ: फूलों के बुढ़ापे के समय, आपको अमोनियम नाइट्रेट (नाइट्रोजन) का प्रयोग करना होगा, जिससे फूलों का विकास और मानक प्रदर्शन होगा।

यह फर्टिगेशन स्केड्यूल ब्रोकली की खेती के लिए अधिक गहरे ज्ञान को दर्शाता है, जिससे आपकी पैदावार में सुधार हो सकता है। ध्यान दें कि आपके स्थानीय भूमि और जलवायु की आवश्यकताओं के आधार पर ऊर्वरकों की मात्रा को समय-समय पर समीक्षा करें।

केसर की खेती

ब्रोकोली खेती के लिए स्प्रे शेड्यूल

केसर पौधों की बीमारियों का इलाज और स्प्रे स्केड्यूल

बीमारीदवा का नामस्प्रे की अवधिस्प्रे करने का समय
केसर स्क्लेरोसिसस्क्लेरोकॉनाजोल2 बार, 15 दिन के अंतराल परखेती के प्रारंभिक चरण में और फिर 45 दिन के बाद
केसर रूट रोट (रूट फंगस)रीजेंट (मेटालैक्सिल)2 बार, 20 दिन के अंतराल परपौधों के प्रारंभिक चरण में और फिर 30 दिन के बाद
केसर माइल्ड्यू प्लीजाएक्टारा (तियामेथॉक्साम)2 बार, 20 दिन के अंतराल परपौधों के प्रारंभिक चरण में और फिर 30 दिन के बाद

सुनिश्चित रहें:

  1. दवाओं का प्रयोग बीमारियों के प्रादुर्भाव के आधार पर करें।
  2. विशेषज्ञ सलाह लें और विधिवत रूप से स्प्रे करें।
  3. सुरक्षा नियमों का पालन करें और स्प्रे करने से पहले बचाव के उपायों का पालन करें।

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केसर की फसल कितने दिन तय होती है

केसर की फसल की कटाई को वह समय करें जब फूल खिल जाते हैं, जो आमतौर पर सितंबर के महीने में होता है। इसके बाद, फूलों की लाचीदारी और खुशबू बढ़ती है। केसर की कटाई का सही समय समय के साथ बदल सकता है, लेकिन आमतौर पर यह अक्टूबर में होती है।

समय पर केसर की कटाई करने से आपके पास बेहतर गुणवत्ता और मानक केसर होगा, जिससे आपकी खेती से अधिक लाभ हो सकता है।

केसर की फसल को कहां बेचें?

  1. किसान मंडी: सबसे पहले, आप किसान मंडी में अपनी केसर की फसल को बेच सकते हैं। यहां आपको अच्छी मूल्य मिल सकती है, लेकिन आपको मंडी की नियमों और मंडी में बेचने के लिए आवश्यक प्रमाणपत्रों का पालन करना होगा।
  2. कृषि उपज निगम (NMPB): भारत सरकार के द्वारा स्थापित कृषि उपज निगम (NMPB) के माध्यम से भी आप अपनी केसर की फसल को बेच सकते हैं। NMPB के तहत आपको फसल को मानक गुणवत्ता पर खरीदने का अवसर मिलता है और यह एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
  3. निजी खरीददार: आप निजी खरीददारों के साथ भी संपर्क कर सकते हैं, जो आपकी केसर की फसल को बड़े पैमाने पर खरीद सकते हैं। ध्यान दें कि आपको सही मूल्य और भुगतान की गारंटी के साथ सौदा करने के लिए सदस्यी अनुबंध का पालन करना होगा।
  4. निर्यात: अगर आपकी केसर की फसल उच्च गुणवत्ता वाली है, तो आप इसे विदेशों में निर्यात करने का विचार कर सकते हैं। इसके लिए आपको निर्यात प्रक्रिया और नियमों का पालन करना होगा।

सुनिश्चित रहें:
बेचने से पहले, आपको बाजार में केसर की मांग और मूल्यों का अच्छी तरह से अध्ययन करना होगा। साथ ही, सरकारी योजनाओं और अनुदानों का भी उपयोग करें जो केसर उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

केसर की खेती

केसर के GI टैग

GI (भू-संकेत संरक्षण) टैग का प्राप्त करना केसर की खेती के लिए कई बड़े लाभ प्रदान करता है। यह उत्पाद को खास और पहचाने जाने वाला बनाता है, जिससे वह बाजार में अधिक मूल्य प्राप्त कर सकता है। GI टैग के अंतर्गत केसर के नाम को दुनिया भर में मान्यता मिलती है और यह उत्पाद की गुणवत्ता और मूल्य को बढ़ावा देता है।

GI टैग के साथ, केसर के उत्पादकों को उनकी उत्पाद की पहचान और संरक्षण की गारंटी मिलती है, जिससे उनके व्यापार को सुरक्षित रूप से बढ़ावा मिलता है। यह भी खेतीकरों को सामान्य बाजार और प्रतिस्पर्धा से बचाता है, क्योंकि वह अपने उत्पाद को खासतर से डिफ़रेंटिएट कर सकते हैं।

GI टैग के आने से केसर की खेती और उत्पादन के क्षेत्र में नई और बेहतर अवसर उत्पन्न हो सकते हैं, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य और स्थायिता मिल सकती है।


केसर की खेती: लोगो के द्वारा पुछे जाने वाले प्रश्न

Q: एक बीघा में केसर कितनी होती है?

एक बीघा में आमतौर पर केसर की खेती करने पर लगभग 2-2.5 किलोग्राम केसर हो सकता है।

Q: 1 एकड़ में केसर कितना होता है?

1 एकड़ में केसर की खेती करने पर लगभग 4-5 किलोग्राम केसर हो सकता है।

Q: केसर कितने साल तक चलता है?

केसर की खेती आमतौर पर 7-10 साल तक चल सकती है, लेकिन सही देखभाल और प्रबंधन के साथ इसे और भी लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।

Q: क्या घर पर केसर उगाना संभव है?

हां, घर पर केसर की खेती की जा सकती है, लेकिन इसके लिए उपयुक्त मौसम और खेती के लिए उपयुक्त जमीन की आवश्यकता होती है।

Q: केसर के बीज का क्या भाव है?

केसर के बीज की कीमत बाजार और क्षेत्र के आधार पर भिन्न होती है, लेकिन आमतौर पर 1 KG केसर के बीज का मूल्य बाजार में 5000 रुपये से 7000 रुपये के बीच हो सकता है।

Q: घर पर केसर का पौधा कैसे उगाएं?

घर पर केसर का पौधा उगाने के लिए आपको उपयुक्त खेती तकनीक और खेती के लिए उपयुक्त जगह की आवश्यकता होती है, और इसके लिए विशेषज्ञ सलाह लेनी चाहिए।

क्या गमलों में केसर उगा सकते हैं?

हां, आप गमलों में केसर की खेती कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उपयुक्त जमीन, गमले, और खेती के सामग्री की आवश्यकता होती है, और सही देखभाल की जरूरत होती है।


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