हाइब्रिड पपीता की खेती: पपीते की फसल मुख्यतः पूरे भारतवर्ष में उगाई जाती है लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र व दक्षिण भारत में पपीते की फ़सल (Papaya farming) बड़े पैमाने पर उगाई जाती है | इस फसल को उगने के लिए तापमान मुख्यतः 28 डिग्री से लेकर 38 डिग्री के बीच में होना चाहिए |
इस प्रकार के तापमान में पपीते की फसल की पैदावार अच्छी होती है अगर इससे अधिकतम तापमान या कम तापमान होने पर पपीते की फसल की ग्रोथ रुक जाती है और फंगस या बीमारियों का भी डर रहता है |
ऐसा नहीं है की जहां पर तापमान बहुत कम होता हो या बहुत अधिक हो वहां पर पपीते की फसल उगाई नहीं जा सकती | वहां पर भी इस फ़सल को बुआई की जा सकती है, लेकिन कुछ अतिरिक्त सावधानियों के साथ, जो हम आगे पढ़ेंगे………….
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हाइब्रिड पपीता की खेती का समय
भारत में पपीते की खेती के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी-मार्च और जून-जुलाई का होता है। इस दौरान मौसम गर्म और आर्द्र होता है, जो पपीते के पौधे के लिए अच्छा होता है। पपीते को ऐसी जगह पर लगाएं जहां उसे पर्याप्त धूप मिले। पपीते का पौधा अच्छी तरह से सूखा हुआ मिट्टी में लगाना चाहिए। पपीते को नियमित रूप से पानी दें,
लेकिन सावधान रहें कि इसे अधिक पानी न दें। पपीते के पौधे को नियमित रूप से खाद दें। पपीते के पौधे को कीड़ों और बीमारियों से बचाने के लिए नियमित रूप से कीटनाशक और कवकनाशी का उपयोग करें.
हाइब्रिड पपीता की खेती कैसे करें?
जिस खेत में हाइब्रिड पपीते की फसल लेनी हैं उस खेत में कार्बन, नाइट्रोजन व अन्य जरुरी तत्वों की पूर्ति के लिये उस खेत में ढांचा, सण या दल्हनिया ( दलों से संबधित) फसल की बिजाई करनी चाहिए |
जब फसल की ऊंचाई 1 फीट तक की हो जाए, तब इसमें 1 टन जिप्सम खेत में डाले दे और उसके ऊपर से रोटावेटर या अन्य यंत्र से उसकी जुताई कर देनी चाहिए | इसके उपरांत खेत को पानी से भर दे |
1 या 2 सप्ताह के उपरांत जब आपको लगे जमीन सूख गई है तब उसके ऊपर नीम खली 50 kg एक एकड़ के हिसाब से डाल दे | इसके बाद खेत की गहरी जुताई कर दे|
गहरी जुताई करने से मिट्टी में सारे पोषक तत्व सूर्य की किरणें से रिचार्ज हो जाते है और हानिकारक कीटाणु भी नष्ट हो जाते है |
अगर आपके पास समय की कमी है ढांचा, सण या दल्हनिया ( दलों से संबधित) फसलों बिजाई आप नहीं कर पा रहे है तब उस कंडीशन में नीचे दी गई बातों को अपना-कर खेत की तैयारी कर सकते हैं.

हाइब्रिड पपीता में कौन सा खाद डालें
- खेत की तैयारी करते समय कार्बन, नाइट्रोजन व अन्य जरुरी तत्वों की पूर्ति के लिये खेत में 3 ट्रोली गोबर खाद डाले या 1 टन वर्मिकोम्पोस्त का भी प्रयोग कर सकते है |
- खेत की तैयारी के लिए 1 टन जिप्सम खेत में डाले | जिप्सम का प्रयोग हर प्रकार की मिट्टी के लिए किया जा सकता है जिससे कि सल्फर व कैल्शियम की पूर्ति होगी और जिप्सम के प्रयोग से PH भी कंट्रोल होता है |
- उपर दी गई खादों का प्रयोग खेत में डालने के उपरांत रोटावेटर से खेत की जुताई कर देनी है |
- रोटावेटर करने के बाद सुहागे से खेत को समतल करना है|
पपीते की खेती करते समय इन बातों का भी ध्यान रखें: –
- पौधा लगाने के लिए 5 फीट का बेड बनाएं और बीच में नाली का साइज़ 5 फीट की छोड़ दे |
- अगर आप सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन का प्रयोग कर रहे हैं तो तब बेड का साइज 10 फीट तक रख सकते हैं और नाली का साइज पॉइंट 5 फिट रहेगा
- बेड बनाने के उपरांत खेत में सिंचाई कर दे |
- सिंचाई एक दिन छोड़कर अगले दिन करें | इस विधि से लगभग 3 बार खेत की सिंचाई करें |
- 3 बार सिचाई करने से जमीन के अंदर की हवा बाहर निकल जाती है जिससे पौधे नष्ट नहीं होते है [हाइब्रिड पपीता की खेती]|
पपीता (Papaya farming) लगाने की सबसे सुरक्षित और सरल सरल विधि है 5 बाय 9 विधि | इस विधि में बेड के ऊपर 9 फीट लम्बाई के बाद गड्डा खोदकर पपीते का पौधा लगाया जाता है और चौड़ाई में 5 फीट के बाद पौधा लगाया जाता है | नीचे दिए गए चित्र में 9 X 5 के ग्राफ को आसानी से समझ सकते हैं [हाइब्रिड पपीता की खेती]
पपीते के पौधे लगाने की विधि: –
- पपीते का पौधा 5 by 9 की विधि से लगाएं |
- पपीते का पौधा हमेशा बेड के ऊपर या साइड में लगाना है, गड्ढे में नहीं लगाना है
- पौधे केवल शाम के समय ही लगाने हैं |
- पौधा लगाने के लिए हर 9 फिट पर गड्ढा खोदने और उसमें कीचड़ बनाना है | कीचड़ बनाने के लिए नीचे देखिए दवाइयों का प्रयोग किया जा सकता है [हाइब्रिड पपीता की खेती].
1 |
200 लीटर पानी | |
2 |
20 ग्राम डेंटसु |
यह हानिकारक कीटाणुओं और कीड़ों को जड़ों के पास जाने से रोकेगा और जड़ों को नष्ट होने से बचाएगा | |
3 |
100 ग्राम सुक्रोज
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यह पौधे का सहज भोजन है जिसको पौधा आसानी से भोजन सकता है | |
4 |
100 ग्राम बवेस्टन
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यह दवाई पौधे को फंगस से बचाएगी | |
पौधे को कीचड़ में रखते इस समय 45 डिग्री दक्षिण की तरफ झुका दे ऐसा करने पर पौधे का तना मजबूत होगा और यह 3 से 4 दिन में सीधा भी हो जाएगा |
एक एकड़ के लिए हाइब्रिड पपीता के कितने पौधे चाहिए?
1 एकड़ के लिए आपको पपीते के 1070 + 30 पौधों की जरूरत होगी | 1070 पौधे लगभग जो 1 एकड़ खेत में लग जाएंगे लेकिन 30 पौधे हम इसलिए अलग से रखते हैं ताकि कुछ पौधे बीच में नष्ट या मर जाते हैं तो उनको बदल कर नए पौधे लगाए जा सके |

किस वैरायटी / किस्म का पपीता लगाना चाहिए?
भारतवर्ष में वैसे तो बहुत सी वैरायटी प्रचलन में है लेकिन इनमे से मुख्यतः तीन किस्म अति प्रचलन में हैं:-
No. |
किस्म का नाम |
इस किस्म के लाभ |
इस किस्म के नुकसान |
1 |
रेड लेडी 786
|
यह सबसे प्रचलित पपीते की किस्म है इसका फल साइज बड़ा होता है और इसका छिलका मोटे होना के कारण फल तोड़ने के बाद 8 से 10 दिन तक ख़राब नहीं होता है | |
रेड लेडी 786 किस्म की सबसे बड़ी समस्या वायरस से है | अगर वायरस को समय पर कंट्रोल नहीं किया जाए तो यह पूरी पपीते की फसल खराब कर सकता है | |
2 |
ग्रीन बेरी |
अगर आप पपीते की खेती करने की शुरुआत करने जा रहे हैं और छोटे किसान है तो यह कि किस्म सबसे उपयुक्त है क्योंकि इस किस्म में वायरस नहीं आता है | |
फल का साइज रेड लेडी 786 से छोटा होता है और फल का छिलका पतला होता है जिसके कारण 3 से 4 दिन के उपरांत यह फल खराब होना शुरू हो जाता है |
3 |
VNR-विनायक |
पपीता का पौधा कहां मिलेगा
आपको पपीता पौधों की खरीदारी के लिए श्रेष्ठ नर्सरी केंद्रों की तलाश है, जो आपके क्षेत्र में पपीता पौधों को प्रदान कर सकते हैं। नीचे भारत के शीर्ष नौ नर्सरी केंद्रों के नाम, शहर और पता दिए गए हैं:
- रवि नर्सरी:
- शहर: चेन्नई
- पता: रवि नर्सरी, चेन्नई, तमिलनाडु
- ग्रीन प्लेस नर्सरी:
- शहर: हैदराबाद
- पता: ग्रीन प्लेस नर्सरी, हैदराबाद, तेलंगाना
- पार्क नर्सरी:
- शहर: अहमदाबाद
- पता: पार्क नर्सरी, अहमदाबाद, गुजरात
- फ्रेशन ग्रीन नर्सरी:
- शहर: जयपुर
- पता: फ्रेशन ग्रीन नर्सरी, जयपुर, राजस्थान
- नेचरडेको:
- शहर: दिल्ली
- पता: नेचरडेको, दिल्ली, इंडिया
- अग्रिहोर्ट फार्म्स:
- शहर: पुणे
- पता: अग्रिहोर्ट फार्म्स, पुणे, महाराष्ट्र
- रुचिवादन नर्सरी:
- शहर: कोलकाता
- पता: रुचिवादन नर्सरी, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- वनस्पति संग्रहनालय नर्सरी:
- शहर: उदयपुर
- पता: वनस्पति संग्रहनालय नर्सरी, उदयपुर, राजस्थान
- ग्रीन प्लैंट नर्सरी:
- शहर: बंगलौर
- पता: ग्रीन प्लैंट नर्सरी, बंगलौर, कर्नाटका
आप इन नर्सरी केंद्रों से पपीता पौधे खरीद सकते हैं. ध्यान दें कि पपीते के पौधों की देखभाल महत्वपूर्ण है,
पपीता की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है
पपीता की खेती भारत में कई राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है, लेकिन सबसे अधिक पपीता की खेती निम्नलिखित राज्यों में होती है:
- महाराष्ट्र: महाराष्ट्र भारत का सबसे बड़ा पपीता उत्पादक राज्य है, और यहां पपीता की खेती विशेष रूप से पुणे, सातारा, और नासिक जैसे क्षेत्रों में की जाती है।
- गुजरात: गुजरात भी पपीता की खेती के लिए महत्वपूर्ण है, और खेड़ा, आनंद, और वड़ोदरा जैसे जिलों में पपीता बड़े पैमाने पर उत्पादित होता है।
- कर्णाटक: कर्णाटक भी पपीता की खेती के लिए जाना जाता है, और बेलगावी, बीजापुर, और कोलार जैसे क्षेत्रों में पपीता की उत्पादन होता है।
- तमिलनाडु: तमिलनाडु भी पपीता की उत्पादन में महत्वपूर्ण है, और सहायद्री पर्वतीय क्षेत्र इसके लिए उपयुक्त होता है।
- केरल: केरल में भी पपीता की खेती की जाती है, और थ्रिस्सुर, कोट्टयम, और पालक्कड़ जैसे क्षेत्रों में पपीता की खेती बढ़ चुकी है।
यहां दिए गए राज्यों में पपीता की खेती की जाती है, लेकिन इसके अलावा भारत के अन्य क्षेत्रों में भी पपीता की उत्पादन होता है।

लोगो के द्वारा पुछे जाने वाले प्रश्न
पपीता कितने दिन में फल देता है?
पपीता आमतौर पर 6 महीनों से 9 महीनों के बीच में फल देने लगता है.
पपीते का पेड़ कितने साल तक फल देता है?
पपीते का पेड़ आमतौर पर 3 से 4 साल तक फल देता है, फिर इसके फलने की क्षमता कम होती है.
पपीता कौन से महीने में बोया जाता है?
पपीता आमतौर पर फरवरी से अप्रैल के बीच बोया जाता है.
पपीता ke बीज कितने दिन में उगता है?
पपीते के बीजों का अंकुरण आमतौर पर 10 से 15 दिन में हो जाता है.
पपीता को पेड़ पर पकने में कितना समय लगता है?
पपीता पेड़ पर पकने में आमतौर पर 5 से 6 महीने का समय लगता है.
पपीता उगाने में कितना समय लगता है?
पपीता का पूर्ण विकास और उगाने में आमतौर पर 9 महीने से 1 साल का समय लगता है.