भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें: भारत में कीवी की खेती की मांग तेजी से तेजी से बढ़ रही है, खासकर बड़े शहरों और बाजारों में। कीवी का उपयोग फलों के रूप में और जूस बनाने के लिए भी होता है, जिससे इसकी मांग आपकी खेती को अच्छा मुनाफा दिला सकती है।
यदि आप कीवी की खेती करने का विचार बना रहे हैं, तो आप उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और सिक्किम जैसे राज्यों की ओर देख सकते हैं। इन राज्यों की जलवायु और भूमि की गुणवत्ता की दृष्टि से कीवी की खेती के लिए अच्छी शर्तें हो सकती हैं।
भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें
कीवी की बुआई भारत में अक्टूबर से दिसम्बर के बीच की जा सकती है, खासकर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और सिक्किम जैसे राज्यों में। कीवी के पौधों को ठंडे मौसम में बोना जाना चाहिए, और उन्हें प्रमुख ठंडे महीनों में संरक्षित रखना चाहिए। इसके लिए,
अच्छी तरह से तैयार किए गए खेत के साथ-साथ, ठंडा और आंबा जैसे फलों की तरह सबसे अच्छा मौसम होता है, जिसमें घाना कीवी पौधों को ठंडा और आदर्श प्राकृतिक परिस्थितियां मिलती हैं [भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें]।
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कीवी की कौन सी किस्म सबसे अच्छी होती है?
भारत में कीवी की उच्च गुणवत्ता वाली पौधों की निम्नलिखित सबसे अच्छी प्रजातियों का चयन कर सकते हैं:
- हैयलैंड: यह प्रजाति तेजी से विकसित होती है और बड़े फलों के साथ-साथ अच्छी रंगत की कीवी देती है।
- आर्क्टिक: यह प्रजाति ठंडी जलवायु में अच्छा प्रदर्शन करती है और अच्छी गुणवत्ता की कीवी पैदा करती है।
- डोमेन: इस प्रजाति की कीवी बड़ी होती है और अच्छी रसदारी वाली होती है।
- बेनी: यह प्रजाति कीवी के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक मानी जाती है और जलवायु की कड़क सुनाई देती है।
- अल्बर्टा: यह प्रजाति ज्यादा फलों की बजाय गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करती है और जलवायु में अच्छा प्रदर्शन करती है।
- टोमस्न: यह प्रजाति कीवी के लिए बड़ी फसलें देती है और जलवायु की तरह हर जगह पाई जाती है।
- गोल्डन स्टार: यह प्रजाति अच्छी गुणवत्ता की फलों को देती है और जलवायु की मांग को पूरा करती है।
- जेंटियना: इस प्रजाति की कीवी बड़ी होती है और ठंडी जलवायु में अच्छा प्रदर्शन करती है।
- सनग्लो: यह प्रजाति ज्यादा फलों की बजाय गुणवत्ता की दिशा में ध्यान केंद्रित करती है और जलवायु में अच्छा प्रदर्शन करती है [भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें]।
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कीवी के पोधे कहाँ से खरीदे ?
भारत में कीवी पौधों की खरीददारी के लिए आप “कृषि विज्ञान केंद्र” (KVK) या “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद” (ICAR) से संबंधित नर्सरीज़ से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ प्रसिद्ध नर्सरीज़ भी हैं जो फल पौधों में विशेषज्ञ हैं और कीवी पौधों को प्रदान कर सकते हैं।
- फल पौधों की नर्सरी, पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में स्थित इस नर्सरी को अपने विभिन्न प्रकार के फल पौधों के लिए जाना जाता है, जिसमें कीवी भी शामिल हो सकती है।
- हिल बेरी नर्सरी, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश के इस क्षेत्र में स्थित इस नर्सरी ने कीवी पौधों की विशेषज्ञता हासिल की है।
- रल्लीस नर्सरी, बैंगलोर: कर्नाटक के बैंगलोर में स्थित इस नर्सरी को अपने फल पौधों के लिए प्रसिद्ध है, और उनके पास कीवी पौधे भी हो सकते हैं।
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), दिल्ली: IARI अक्सर कीवी की खेती पर शोध करता है, और आप कीवी पौधों की उपलब्धता और उनके उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए संपर्क कर सकते हैं।
खरीददारी करने से पहले, ये नर्सरीज़ों से सीधे संपर्क करें या उनकी वेबसाइटों पर जाकर कीवी पौधों की उपलब्धता की पुष्टि करें और उनके उत्पादों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें। इसके अलावा, अपने क्षेत्र में स्थानीय कृषि कार्यालयों या विश्वविद्यालयों से सलाह लेने और आपके केवल मान्यता प्राप्त नर्सरीज़ से संपर्क करें [भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें]।
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कीवी के पौधों को खेत में ट्रांसप्लांट
पौधों को खेत में ट्रांसप्लांट करने के लिए सही तरीका और दूरी का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है ताकि आपकी कीवी पौधों का बेहतर विकास हो सके। सबसे पहले, आपको खेत की तैयारी करनी होगी।
कीवी पौधों के बीच की दूरी को बढ़ावा देना चाहिए, आमतौर पर 12-15 फीट के बीच में। यह सुनिश्चित करेगा कि पौधों के बीच जगह है ताकि वे अच्छी तरह से विकस सकें और सूरज की रोशनी को भी उन्हें पहुंच सके। पौधों को ट्रांसप्लांट करते समय ध्यान दें कि उनकी जड़ें सही ढंग से बूढ़े और नम हों।
आपको उन्हें गहराई में बोना चाहिए, और पौधों को ट्रांसप्लांट करते समय उनकी जड़ों को क्लोज़ डिग करने का प्रयास करें। इसके बाद, पौधों को नियमित रूप से पानी दें और उनकी देखभाल के लिए समय-समय पर खाद डालें। इसके बाद, आपके कीवी पौधे खेत में स्वस्थ और पैमाने पर बढ़ सकेंगे[भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें]।

कीवी खेती की शुरुआत के लिए उर्वरक, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, जिप्सम, और उर्वरक कौनसे प्रकार के और कितने मात्रा में डालें
उर्वरक और म्यून्योर | मात्रा (प्रति एकड़) |
---|---|
कम्पोस्ट (म्यून्योर) | 5-10 टन |
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स | बोरॉन, मैंगनीज़, और जिंक |
जिप्सम | 2 टन |
उर्वरक | मात्रा (प्रति एकड़) |
---|---|
नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश (NPK) उर्वरक | सुझाया गया मात्रा के हिसाब से |
यह सारे उर्वरक और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स को सही मात्रा में खेत में मिलाने से आपकी कीवी पौधों को अच्छा पोषण मिलेगा और वे स्वस्थ और फलदायक रूप में विकसित होंगे। कृपया यह ध्यान दें कि उर्वरकों की सही मात्रा और समय का पालन करें ताकि आपकी कीवी खेती सफल हो सके [भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें]।
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कीवी की फसल के लिए फर्टिगेशन?
कीवी फसल के लिए पूर्ण फर्टिगेशन प्लान
दिन/चरण | उर्वरक | मात्रा (प्रति एकड़) | म्यून्योर | मात्रा (प्रति एकड़) | माइक्रोन्यूट्रिएंट्स | मात्रा (प्रति एकड़) |
---|---|---|---|---|---|---|
दिन 1 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | कम्पोस्ट | 5-10 टन | ||
दिन 15 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 30 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 45 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 60 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 75 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 90 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | बोरॉन | सुझाया गया मात्रा के हिसाब से | ||
दिन 105 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 120 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | मैंगनीज़ | सुझाया गया मात्रा के हिसाब से | ||
दिन 135 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 150 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | जिंक | सुझाया गया मात्रा के हिसाब से | ||
दिन 165 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 180 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 195 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 210 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 225 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 240 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 255 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 270 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 285 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 300 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 315 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 330 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 345 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 360 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 375 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 390 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 405 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 420 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 435 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम | ||||
दिन 450 | 20:20:20 NPK | 2 किलोग्राम |
यह संपूर्ण फर्टिगेशन प्लान कीवी की फसल के सारे चरणों के लिए है, और इसमें उर्वरक, म्यून्योर, और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की सही म
ात्रा का सुझाव दिया गया है। कृपया ध्यानपूर्वक इन मात्राओं का पालन करें ताकि आपकी कीवी फसल स्वस्थ और फलदायक हो सके।

कीवी पौधों में होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों
यहां है कीवी पौधों में होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों की सूची और सलाहित दवाओं के नाम के साथ एक टेबल:
कीवी की बीमारियाँ, उपाय और छिड़काव कार्यक्रम
बीमारी | दवा का नाम | छिड़काव कार्यक्रम |
---|---|---|
1. कीवी शॉट होल | कॉपर ऑक्सीक्लोराइड | 1. बर्छी के साथ पौधों के सूखे पत्तों को हटाएं |
मैनकोजेब | 2. हर 15 दिन में छिड़काव करें | |
2. कीवी फ्रूट रोट | कॉपर हायड्रॉक्साइड | 1. समय पर पके फलों को तोड़ें |
स्पिरमायसिन | 2. कीवी के पौधों को बर्छी से बचाने के लिए छिड़काव करें | |
3. कीवी स्काब | सल्फर | 1. बिना बर्छी के पौधों को छिड़काव करें |
ट्रायक्टीनेम | 2. हर 15-20 दिन में सल्फर का छिड़काव करें | |
4. कीवी केन्कर | कॉपर ऑक्सीक्लोराइड | 1. आक्रमणित भागों को काट दें |
मैनकोजेब | 2. कॉपर या मैनकोजेब का छिड़काव करें | |
5. कीवी पाउडरी मिल्ड्यू | सल्फर | 1. आक्रमणित पौधों को हटाएं |
त्रायक्टीनेम | 2. हर 15-20 दिन में सल्फर का छिड़काव करें | |
6. कीवी सोडियम ब्लाइट | कॉपर ऑक्सीक्लोराइड | 1. आक्रमणित भागों को काट दें |
मैनकोजेब | 2. कॉपर या मैनकोजेब का छिड़काव करें | |
7. कीवी रूट रोट | कॉपर हायड्रॉक्साइड | 1. आक्रमणित पौधों को हटाएं |
मैनकोजेब | 2. कॉपर या मैनकोजेब का छिड़काव करें | |
8. कीवी शॉट बोरर | कॉपर हायड्रॉक्साइड | 1. आक्रमणित पौधों को हटाएं |
सुझाव: बीमारी के पहले संकेतों को ध्यान में रखें और नियमित छिड़काव कार्यक्रम का पालन करें, ताकि आपकी कीवी की पौधों को स्वस्थ रख सकें[भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें]।
एलोवेरा की खेती से आप कितना पैसा कमा सकते हैं?
कीवी के पोधे कितने साल में फल देता है?
कीवी पौधों को ट्रांसप्लांट करने के बाद कितने महीनों में कीवी फल प्राप्त होगा?
कीवी पौधों को ट्रांसप्लांट करने के बाद, कीवी फलों की पैदावार के लिए वक्त विशिष्ट जगह और मौसम के आधार पर बदल सकता है। सामान्यतः, कीवी पौधों को ट्रांसप्लांट करने के बाद पहले फलों की पैदावार 2 से 4 साल के बीच होती है। इसके बाद, पौधे हर साल फल देने लगते हैं,
लेकिन यह भी निर्भर करता है कि आपने किस प्रकार की कीवी पौधों को ट्रांसप्लांट किया है – यदि ये ताईवानी कीवी हैं, तो यह 3-4 साल बाद फल देने लग सकती है, जबकि यदि ये न्यू जीलैंड कीवी हैं, तो यह 4-5 साल बाद फल देने लग सकती है।
इसके अलावा, फलों की पैदावार को बढ़ाने के लिए उर्वरक, पानी, और देखभाल का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण होता है [भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें]।
बाजरा की खेती कब और कैसे करें?
कीवी की फसल की बिक्री कहां करें:
कीवी बेचने के लिए उपयुक्त जगहों का चयन
1. मंडी और कृषि उपज बाजार: सबसे पहला विचार करने का है की किसान वो कृषि मंडी या बाजार चुन सकता है जो उसके क्षेत्र के पास है। यहाँ आप कीवी को बेचने का मौका पा सकते हैं, लेकिन आपको इसमें बाजार रेट और विभिन्न आपूर्ति-मांग परिस्थितियों का ध्यान देना होगा.
2. कृषि उपज को-ऑपरेटिव्स: कई क्षेत्रों में कृषि को-ऑपरेटिव्स होते हैं जो किसानों के लिए बेची जाने वाली उपज को समर्थन प्रदान करते हैं। यहाँ आपको उचित मूल्य प्राप्त करने का मौका मिल सकता है और उपज की सुरक्षित पहुंच भी होती है.
3. एक्स्पोर्ट: यदि आपके पास बड़ी कीवी उपज है और आप विदेश में भी बेचना चाहते हैं, तो आप एक्स्पोर्ट कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं। आपको कस्टम और विदेशी विनिर्माण प्रक्रिया के नियमों का पालन करना होगा, लेकिन इससे आपको अधिक विपणन के मौके मिल सकते हैं.
4. फ्लीमार्केट और ऑनलाइन विपणन: आजकल, ऑनलाइन फ्लीमार्केट और विपणन के प्लेटफॉर्म किसानों के लिए अच्छे मौके प्रदान करते हैं। आप अपनी कीवी को ऑनलाइन बेच सकते हैं, जिससे आपके उत्पाद को अधिक ग्राहकों तक पहुंच सकता है और आपको उचित मूल्य प्राप्त हो सकता है[भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें]।।
ऑर्गेनिक या प्राकृतिक खेती की शुरुआत कैसे करें ?

कीवी की खेती के फायदे और नुकसानों
निश्चित रूप से, यहां कीवी खेती के लाभों और कमियों के लिए एक अधिक व्यवस्थित तालिका दी गई है:
कीवी की खेती के फायदे और नुकसान
परमाधिकृता | फायदे | नुकसान |
---|---|---|
फायदे | 1. अच्छा मुनाफा: कीवी की खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है, क्योंकि यह उचित मार्जिन प्रदान कर सकती है। | 1. लगभग 3-4 साल की इंतजार: कीवी पौधों की पूरी तरह से तैयारी के बाद ही फल देने लगते हैं, इसलिए निवेश के साथ धैर्य और लम्बी रफ्तार चाहिए। |
फायदे | 2. स्वास्थ्यकर: कीवी फल गुदियों में भरपूर विटामिन C, कैल्शियम, और फाइबर होता है, जिससे यह स्वास्थ्यकर होता है। | 2. रोगों के खतरे: कीवी पौधों को कुछ रोगों और कीटों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके लिए नियमित देखभाल की आवश्यकता होती है। |
फायदे | 3. पर्यावरण के लिए अच्छा: कीवी की खेती पर्यावरण के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह कृषि में कम उपज उपयोग करता है और निचले पानी की आवश्यकता होती है। | 3. पूरे साल की देखभाल: कीवी पौधों की देखभाल पूरे साल की चाहिए, जिसमें सीजन के दौरान कई काम करने की आवश्यकता होती है। |
फायदे | 4. रोजगार का स्रोत: कीवी की खेती एक अच्छा रोजगार का स्रोत बना सकती है और उपयुक्त जैव विविधता को बढ़ावा देती है। | 4. स्थानिक बाजार की विचारणा: बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है, इसलिए फलों की बाजार की अच्छी विचारणा करना महत्वपूर्ण है। |
कीवी की खेती के फायदों और नुकसानों का ध्यान रखकर, आपको उचित निवेश और सही देखभाल के साथ कीवी की खेती में सफलता प्राप्त करने में मदद मिल सकती है[भारत में कीवी की खेती कैसे शुरू करें]।
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कीवी की खेती: लोगो के द्वारा पुछे जाने वाले प्रश्न
कीवी कब उगाया जाता है?
कीवी का पौधा शुरुआती बर्छी (छोटे पौधे) के रूप में अक्टूबर से फरवरी के बीच उगाया जा सकता है।
क्या भारत में कीवी का पेड़ उगा सकता है?
हां, भारत में कीवी का पेड़ उगाया जा सकता है, लेकिन उसके उचित देखभाल और मौसम शर्तों की जरूरत होती है।
भारत में कीवी क्यों नहीं उगाई जा सकती?
कीवी की खेती के लिए उचित मौसम, भूमि, और देखभाल की आवश्यकता होती है, और कुछ क्षेत्रों में इसके लिए उपयुक्त शर्तें नहीं हो सकती।
कीवी इतना महंगा क्यों है?
कीवी का महंगाई में आने का कारण उचित देखभाल, वितरण, और ट्रांसपोर्टेशन की लागत, उनकी फसल में समय लगने का कारण हो सकता है।
प्रति एकड़ कितने कीवी पौधे हैं?
प्रति एकड़ में आमतौर पर 200-250 कीवी पौधे होते हैं, लेकिन इसे बढ़ाने के लिए पौधों के बीच उचित दूरी बनाना महत्वपूर्ण है।