मार्च महीने में उगाई जा सकने वाली दस सब्जियों के नाम और उनकी वेरायटीज़: टमाटर, शिमला मिर्च, और पालक जैसी सब्जियों की खेती में सफलता प्राप्त करने के लिए मार्च माह में उपयुक्त खेती तकनीक का पालन करें।
उपजाऊ मिट्टी में बीज बोएं और पानी की अच्छी सप्लाई का ध्यान रखें। विभिन्न सब्जियों के लिए उपयुक्त खाद्यान्न का प्रयोग करें और सर्दियों में पौधों को ठंड से बचाने के लिए मुल्चिंग का इस्तेमाल करें। रोगों और कीटों के नियंत्रण के लिए सही रोगनाशकों का प्रयोग करें और समय-समय पर फसल की देखभाल करें। इस प्रकार,
उचित तकनीक का प्रयोग करके, आप अधिक उत्पादकता प्राप्त कर सकते हैं और अपनी खेती को सफल बना सकते हैं।
Tomato (टमाटर)
- Planting Month: March (मार्च)
- How to Start Cultivation: टमाटर के बीजों को उपजाऊ मिट्टी में बोएं। पानी की अच्छी आवश्यकता होती है, इसलिए पानी सप्लाई का ध्यान रखें।
- Best Varieties: अर्णिका, कलिफोर्निया, गोमती
- Care During Winter: सर्दियों में पालक या प्लास्टिक मुल्च लगाएं ताकि पौधे को ठंड से बचाया जा सके।
- Fertilizers: नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, कालियम नाइट्रेट, सुपर फॉस्फेट
- Diseases & Crop Production: टमाटर के रोगों में ब्लाइट, बच्चा बोरर, फसली बैक्टीरियल रोग आदि होते हैं। इनका नियंत्रण के लिए रोगनाशकों का प्रयोग करें और पेस्ट संभावित स्थलों पर हताएं। प्रमुख रोगनाशकों में कैप्टन, मेटालाक्सिल, कोपर ऑक्सीक्लोराइड होते हैं।
- Crop Production: टमाटर की खेती के बाद ६०-७० दिनों में फसल प्राप्त होती है।
Capsicum (शिमला मिर्च)
- Planting Month: March (मार्च)
- How to Start Cultivation: अच्छे द्रव्यात्मक मिट्टी में बीज बोएं और पानी की समय-समय पर सप्लाई करें।
- Best Varieties: अन्य, शिमला, आरटीसी
- Care During Winter: सर्दियों में मिर्च के पौधों को ढकने के लिए पालक या प्लास्टिक मुल्च लगाएं।
- Fertilizers: नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, डीएपी
- Diseases & Crop Production: मिर्च के रोगों में दानेदार, रूट रोट, फिरोसिस, इत्यादि होते हैं। रोग प्रबंधन के लिए फंगाइसाइड जैसे कि डीडन, कुप्रिकॉन, कोपर ऑक्साइक्लोराइड का इस्तेमाल करें।
- Crop Production: मिर्च की फसल पौधों के बाद ५०-६० दिनों में प्राप्त होती है।

Spinach (पालक)
- Planting Month: March (मार्च)
- How to Start Cultivation: पालक के बीजों को उपजाऊ मिट्टी में बोएं और नियमित रूप से पानी सप्लाई करें।
- Best Varieties: पुष्पा, अलीना, वासुदा
- Care During Winter: सर्दियों में पालक के पौधों को ठंड से बचाने के लिए प्लास्टिक मुल्च लगाएं।
- Fertilizers: नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, एमएपी
- Diseases & Crop Production: पालक के रोगों में डाम्पिंग ऑफ, रूट रोट, ब्लाइट, इत्यादि होते हैं। इनका नियंत्रण के लिए फंगाइसाइड जैसे कि कोपर ऑक्साइक्लोराइड, मेटालाक्सिल का उपयोग करें।
- Crop Production: पालक की फसल पौधों के बाद ४५-५० दिनों में प्राप्त होती है।
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Okra (भिंडी)
- Planting Month: March (मार्च)
- How to Start Cultivation: उपजाऊ मिट्टी में भिंडी के बीज बोएं और पानी की अच्छी आवश्यकता का ध्यान रखें।
- Best Varieties: आग्नेली, आरमचंद, लक्ष्मी पार्वती
- Care During Winter: सर्दियों में मूल्यांकन करें कि क्या भिंडी के पौधों को ठंड से बचाने के लिए कुछ आवश्यक है।
- Fertilizers: नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, डीएपी
- Diseases & Crop Production: भिंडी के रोगों में मिर्ची की वीरोसिस, रूट रोट, फसली बैक्टीरियल रोग आदि होते हैं। रोग प्रबंधन के लिए फंगाइसाइड जैसे कि कॅप्टन, मेटालाक्सिल का उपयोग करें।
- Crop Production: भिंडी की फसल पौधों के बाद ४५-५० दिनों में प्राप्त होती है।
Bottle Gourd (लौकी)
- Planting Month: March (मार्च)
- How to Start Cultivation: उपजाऊ मिट्टी में लौकी के बीज बोएं और पानी की अच्छी आवश्यकता का ध्यान रखें।
- Best Varieties: पूजा, पुष्पा, हीरो
- Care During Winter: सर्दियों में मूल्यांकन करें कि क्या लौकी के पौधों को ठंड से बचाने के लिए कुछ आवश्यक है।
- Fertilizers: नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, डीएपी
- Diseases & Crop Production: लौकी के रोगों में डाउनी मिल्ड्यू, रूट रोट, मोसेक्स वायरस रोग आदि होते हैं। रोग प्रबंधन के लिए फंगाइसाइड जैसे कि कॅप्टन, मेटालाक्सिल का उपयोग करें।
- Crop Production: लौकी की फसल पौधों के बाद ४५-५० दिनों में प्राप्त होती है।
Cabbage (पत्ता गोभी)
- Planting Month: March (मार्च)
- How to Start Cultivation: उपजाऊ मिट्टी में पत्ता गोभी के बीज बोएं और पानी की समय-समय पर सप्लाई करें।
- Best Varieties: एवी एक्स्प्रेस, आरी, डिल्ली पाटी
- Care During Winter: सर्दियों में मूल्यांकन करें कि क्या पत्ता गोभी के पौधों को ठंड से बचाने के लिए कुछ आवश्यक है।
- Fertilizers: नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, एमएपी
- Diseases & Crop Production: पत्ता गोभी के रोगों में डाउनी मिल्ड्यू, रूट रोट, ब्लाइट, इत्यादि होते हैं। रोग प्रबंधन के लिए फंगाइसाइड जैसे कि कॅप्टन, मेटालाक्सिल का उपयोग करें।
- Crop Production: पत्ता गोभी की फसल पौधों के बाद ६०-७० दिनों में प्राप्त होती है।
Bitter Gourd (करेला)
- Planting Month: March (मार्च)
- How to Start Cultivation: उपजाऊ मिट्टी में करेले के बीज बोएं और पानी की अच्छी आवश्यकता का ध्यान रखें।
- Best Varieties: आरी, अग्नेली, एक्सप्रेस
- Care During Winter: सर्दियों में मूल्यांकन करें कि क्या करेले के पौधों को ठंड से बचाने के लिए कुछ आवश्यक है।
- Fertilizers: नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, डीएपी
- Diseases & Crop Production: करेले के रोगों में डाउनी मिल्ड्यू, रूट रोट, ब्लाइट, इत्यादि होते हैं। रोग प्रबंधन के लिए फंगाइसाइड जैसे कि कॅप्टन, मेटालाक्सिल का उपयोग करें।
- Crop Production: करेले की फसल पौधों के बाद ५०-६० दिनों में प्राप्त होती है।
Cauliflower (फूलगोभी)
- Planting Month: March (मार्च)
- How to Start Cultivation: उपजाऊ मिट्टी में फूलगोभी के बीज बोएं और पानी की अच्छी आवश्यकता का ध्यान रखें।
- Best Varieties: स्नोबॉल, आरमचंद, सिल्वर ऑक्साइड
- Care During Winter: सर्दियों में मूल्यांकन करें कि क्या फूलगोभी के पौधों को ठंड से बचाने के लिए कुछ आवश्यक है।
- Fertilizers: नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, डीएपी
- Diseases & Crop Production: फूलगोभी के रोगों में डाउनी मिल्ड्यू, रूट रोट, ब्लाइट, इत्यादि होते हैं। रोग प्रबंधन के लिए फंगाइसाइड जैसे कि कॅप्टन, मेटालाक्सिल का उपयोग करें।
- Crop Production: फूलगोभी की फसल पौधों के बाद ६०-७० दिनों में प्राप्त होती है।

Peas (मटर)
- Planting Month: March (मार्च)
- How to Start Cultivation: उपजाऊ मिट्टी में मटर के बीज बोएं और पानी की समय-समय पर सप्लाई करें।
- Best Varieties: सुगर बोन, अर्निका, सिल्वर ऑक्साइड
- Care During Winter: सर्दियों में मूल्यांकन करें कि क्या मटर के पौधों को ठंड से बचाने के लिए कुछ आवश्यक है।
- Fertilizers: नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, एमएपी
- Diseases & Crop Production: मटर के रोगों में डाउनी मिल्ड्यू, रूट रोट, ब्लाइट, इत्यादि होते हैं। रोग प्रबंधन के लिए फंगाइसाइड जैसे कि कॅप्टन, मेटालाक्सिल का उपयोग करें।
- Crop Production: मटर की फसल पौधों के बाद ६०-७० दिनों में प्राप्त होती है।
सब्जी का नाम | वेरायटीज़ | पौधों का निर्माण | विशेष देखभाल | खाद्यान्न | रोग और प्रतिरोधक | उत्पादन |
---|---|---|---|---|---|---|
टमाटर | अर्णिका, कलिफोर्निया, गोमती | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में पालक या प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, कालियम नाइट्रेट, सुपर फॉस्फेट | ब्लाइट, बच्चा बोरर, फसली बैक्टीरियल रोग | ६०-७० दिन |
शिमला मिर्च | अन्य, शिमला, आरटीसी | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में मिर्च के पौधों को ढकने के लिए पालक या प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, डीएपी | दानेदार, रूट रोट, फिरोसिस | ५०-६० दिन |
पालक | पुष्पा, अलीना, वासुदा | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में पालक के पौधों को ठंड से बचाने के लिए प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, एमएपी | डाम्पिंग ऑफ, रूट रोट, ब्लाइट | ४५-५० दिन |
सब्जी का नाम | वेरायटीज़ | पौधों का निर्माण | विशेष देखभाल | खाद्यान्न | रोग और प्रतिरोधक | उत्पादन |
---|---|---|---|---|---|---|
गोभी | स्नोबॉल, आरमचंद, सिल्वर ऑक्साइड | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में गोभी के पौधों को ढकने के लिए पालक या प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, कालियम नाइट्रेट, सुपर फॉस्फेट | ब्लाइट, बच्चा बोरर, फसली बैक्टीरियल रोग | ६०-७० दिन |
मटर | सुगर बोन, अर्निका, सिल्वर ऑक्साइड | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में मटर के पौधों को ढकने के लिए पालक या प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, डीएपी | दानेदार, रूट रोट, फिरोसिस | ५०-६० दिन |
तोरी | संगम, पंचाली, रेड क्वीन | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में तोरी के पौधों को ढकने के लिए प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, एमएपी | डाम्पिंग ऑफ, रूट रोट, ब्लाइट | ४५-५० दिन |
प्याज | सोनाली, युगांतर, अरुण | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में प्याज के पौधों को ढकने के लिए प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, एमएपी | डाम्पिंग ऑफ, रूट रोट, ब्लाइट | ४५-५० दिन |
सब्जी का नाम | वेरायटीज़ | पौधों का निर्माण | विशेष देखभाल | खाद्यान्न | रोग और प्रतिरोधक | उत्पादन |
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बैंगन | किशन, बाबा, पिंकी | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में बैंगन के पौधों को ढकने के लिए पालक या प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, कालियम नाइट्रेट, सुपर फॉस्फेट | ब्लाइट, बच्चा बोरर, फसली बैक्टीरियल रोग | ६०-७० दिन |
मूली | श्वेता, पारी, लालीत | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में मूली के पौधों को ढकने के लिए पालक या प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, डीएपी | दानेदार, रूट रोट, फिरोसिस | ५०-६० दिन |
गांठ गोभी | राजा, सुगंधा, पंखुड़ी | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में गांठ गोभी के पौधों को ढकने के लिए प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, एमएपी | डाम्पिंग ऑफ, रूट रोट, ब्लाइट | ४५-५० दिन |
भिन्डी | आदिति, मालिनी, भारती | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में भिन्डी के पौधों को ढकने के लिए प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, एमएपी | डाम्पिंग ऑफ, रूट रोट, ब्लाइट | ४५-५० दिन |
ककड़ी | शिवानी, सोमा, नीरा | उपजाऊ मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति | सर्दियों में ककड़ी के पौधों को ढकने के लिए प्लास्टिक मुल्च | नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, यूरिया, एमएपी | डाम्पिंग ऑफ, रूट रोट, ब्लाइट | ४५-५० दिन |
यहाँ मार्च महीने में उगाई जा सकने वाली सब्जियों से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर हैं:
गाजर की खेती कैसे करें?
गाजर की खेती के लिए समृद्ध मिट्टी, सही पानी की आपूर्ति, अच्छे बीज, और सही समय महत्वपूर्ण होते हैं। समय-समय पर उत्पादन को सुनिश्चित करने के लिए उत्तम रूप से पेस्ट और रोगनाशक का उपयोग करें।
टमाटर की खेती कैसे करें?
टमाटर की खेती के लिए उत्तम मिट्टी, ध्यानपूर्वक पानी की सप्लाई, और सही वार्षिक तापमान की आवश्यकता होती है। समय-समय पर प्राकृतिक खाद्यान्न का उपयोग करें और रोगों के प्रतिरोध के लिए प्रभावी उपाय अपनाएं।
पालक की खेती कैसे करें?
पालक की खेती के लिए उत्तम ताजगी और उपजाऊ मिट्टी, पानी की अच्छी आपूर्ति, और समय-समय पर प्रकारी उपाय जैसे कि खाद्यान्न का उपयोग करें।
बैंगन की खेती कैसे करें?
बैंगन की खेती के लिए अच्छे बीज, समृद्ध मिट्टी, और उत्तम पानी की सप्लाई की आवश्यकता होती है। समय-समय पर पौधों की देखभाल और रोग प्रतिरोधक उपाय करें।
मटर की खेती कैसे करें?
मटर की खेती के लिए उत्तम मिट्टी, पानी की सही आपूर्ति, और उचित वातावरण की आवश्यकता होती है। समय-समय पर उत्पादन की सुनिश्चितता के लिए समय-समय पर खेती के तरीकों को समीक्षित करें।
गोभी की खेती कैसे करें?
गोभी की खेती के लिए उचित मिट्टी, सही पानी की सप्लाई, और उचित खेती तकनीकों का उपयोग करें। गोभी की सही देखभाल करें और रोगों के प्रतिरोध के लिए समय-समय पर उपाय अपनाएं।
शिमला मिर्च की खेती कैसे करें?
शिमला मिर्च की खेती के लिए उचित मिट्टी, सही पानी की सप्लाई, और समय-समय पर पेस्टिसाइड और रोगनाशक का उपयोग करें। खेती की सुरक्षा और अधिक उत्पादन के लिए स्थानीय कृषि विशेषज्ञों की सलाह लें।