चन्दन का पेड़ कैसे लगाये: चंदन एक बहुमूल्य वृक्ष है और इसकी लकड़ी की अत्यधिक मांग है। इसलिए, चंदन की खेती एक लाभदायक उद्यम हो सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चंदन के पौधे को बढ़ने और परिपक्व होने में कई साल लगते हैं। इसलिए, किसान भाईयों को धैर्य और लगन के साथ चंदन की खेती करनी चाहिए।
चन्दन की पौधों की खेती का दरमियान भारत में यहाँ दो प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में की जा सकती है। इन दोनों राज्यों में चन्दन की खेती के लिए उपयुक्त मौसम और भूमि मिलती है। यदि आप उत्तर प्रदेश में हैं, तो आप कई स्थानों पर चन्दन की खेती कर सकते हैं,
जैसे कि लखीमपुर-खीरी और सीतापुर जिले। कर्नाटक में भी मैसूर और चित्रदुर्ग जैसे क्षेत्रों में चन्दन की खेती का सबसे अच्छा मौका है ।
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चन्दन का पेड़ की की बुवाई का समय
चन्दन पौधों की खेती को भारत में वर्षा के बाद, जुलाई से सितंबर के बीच के महीनों में शुरू किया जा सकता है। इसमें बर्साती मौसम की बादशाहत होती है, क्योंकि यह मौसम चन्दन के पौधों के लिए अच्छा होता है। इस मौसम में पौधों को आवश्यक पानी और ऊर्जा मिलती है, जिससे वे अच्छी तरह से बढ़ सकते हैं।
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चन्दन के पेड़ की नर्सरी
चन्दन के पौधों को खरीदने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों से भारत के प्रमुख सरकारी और निजी नर्सरी से संपर्क कर सकते हैं:
- सरकारी नर्सरी:
- वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून
- वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर
- भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, देहरादून
- वन अनुसंधान केंद्र, बेंगलुरु
- वन अनुसंधान केंद्र, कोयंबटूर
- वन अनुसंधान केंद्र, त्रिवेंद्रम
- वन अनुसंधान केंद्र, जोरहाट

- निजी नर्सरी:
- ग्रीन इंडिया बायोटेक, पटना
- सैंडलवुड एग्रोटेक, बेंगलुरु
- सैंडलवुड प्लांटेशन, कोयंबटूर
- सैंडलवुड नर्सरी, त्रिवेंद्रम
- सैंडलवुड प्लांट्स, जोरहाट
सफेद व लाल चंदन का पौधा कहां मिलेगा
भारत में कुछ प्रमुख प्रकार के चन्दन पौधे होते हैं जो अच्छे गुणवत्ता वाले होते हैं। यहां कुछ चन्दन पौधों के प्रमुख प्रकार और उनके बेहतरीन जातियाँ हैं:
- फेद चंदन (Santalum album): यह चंदन की सबसे अच्छी किस्म है और इसकी लकड़ी की उच्चतम मांग है। सफेद चंदन के पेड़ को बढ़ने और परिपक्व होने में लगभग 20-25 साल लगते हैं। भारत के बहुत सारे क्षेत्रों में विकसित होता है। इसका बूटा आदर्श गुणवत्ता और खुशबू के लिए प्रसिद्ध है।
- लाल चंदन (Santalum rubrum): लाल चंदन के पेड़ को बढ़ने और परिपक्व होने में लगभग 15-20 साल लगते हैं। इसकी लकड़ी सफेद चंदन की लकड़ी जितनी महंगी नहीं होती है, लेकिन फिर भी इसकी अच्छी मांग है।
- वनस्पति वन्य संदलवुड (Santalum spicatum): यह जाति अधिकतर आस्ट्रेलिया में पाई जाती है और अच्छे गुणवत्ता के संदलवुड के लिए मान्यता प्राप्त है।
- एडलेड संदलवुड (Santalum lanceolatum): यह अन्य एक प्रमुख आस्ट्रेलियाई प्रकार है, जो अच्छे गुणवत्ता और खुशबू के लिए जाना जाता है।
आपको अपने क्षेत्र में उपयुक्त जाति की चयन करने के लिए स्थानीय कृषि विभाग के साथ सलाह लेनी चाहिए, और उनकी सलाह के आधार पर चन्दन पौधों को खरीदें। सफेद चंदन के पेड़ों को गर्म और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है[चन्दन का पेड़ कैसे लगाये],
जबकि लाल चंदन के पेड़ों को गर्म और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है।यदि आप विशेष नर्सरी से खरीद रहे हैं, तो उनसे पौधों की उच्च गुणवत्ता और पौधों की प्रमाणित प्रारूप की जाँच करें।

चन्दन का पेड़ कैसे लगाये
आपको चन्दन के पौधों को लगाने के लिए पिट में खाद का सही प्रकार और मात्रा डालना महत्वपूर्ण है। ज़मीन के लिए निम्नलिखित खाद का उपयोग कर सकते हैं:
- नाइट्रोजन (N): संदलवुड के पौधों के लिए पिट में नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है, जो पौधों की सही विकास और वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। प्रति पौधे के लिए 100 ग्राम नाइट्रोजन की मात्रा हो सकती है.
- फॉस्फोरस (P): फॉस्फोरस पौधों के मजबूतीकरण और फूलने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रति पौधे के लिए 100 ग्राम फॉस्फोरस की मात्रा हो सकती है.
- पोटैशियम (K): पोटैशियम पौधों की मजबूतीकरण और खुशबू देने में मदद करता है। प्रति पौधे के लिए 50 ग्राम पोटैशियम की मात्रा हो सकती है.
- गौमूत्र और खड़ (गौथकृत खाद): गौमूत्र और खड़ से तैयार गौथकृत खाद का उपयोग करके पौधों को पोषण प्रदान कर सकते हैं.
- माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (खनिज अणु): माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे कि जिंक, कॉपर, बोरॉन, आदि की कमी को पूरा करने के लिए उपयोगी होते हैं.
- गिप्सम (कैल्शियम सल्फेट): गिप्सम भूमि की स्थिरता और खदाने की मदद करता है.
- नीम केक (नीम खाद): नीम केक खदाने की मात्रा को कम करने में मदद करता है और पौधों को पेस्ट और कीट प्रबंधन में भी सहायक होता है [चन्दन का पेड़ कैसे लगाये].
पोषण आइटम | मात्रा (प्रति पौधा) | उपयोग |
---|---|---|
गौमूत्र खाद | 1 लीटर | पौधों को पोषण प्रदान करने के लिए |
खड़ खाद | 1 किलोग्राम | खदाने की मदद करने के लिए |
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (जैसे कि जिंक, कॉपर, बोरॉन) | जैसे की विशेषज्ञ सलाह | पौधों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए |
गिप्सम (कैल्शियम सल्फेट) | 500 ग्राम | भूमि की स्थिरता और खदाने की मदद करने के लिए |
नाइट्रोजन (N) | 50 ग्राम | पौधों की विकास और वृद्धि के लिए |
फॉस्फोरस (P) | 50 ग्राम | पौधों की मजबूतीकरण और फूलने के लिए |
पोटैशियम (K) | 25 ग्राम | पौधों की मजबूतीकरण और खुशबू देने में मदद करने के लिए |
गड्डा में इन खादों की सही मात्रा और चन्दन के पौधों की आवश्यकताओं के आधार पर उपयोग करें, और स्थानीय कृषि विभाग के सलाहकारों से परामर्श लें, क्योंकि यह भूमि की विशेष आवश्यकताओं पर भी निर्भर होता है।

चन्दन के लिए कौन सा उर्वरक सबसे अच्छा है?
यहां संदलवुड पौधों की पूरी फर्टीगेशन (खाद, मन्योर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स) की एक विस्तृत सूची है, जिसे पूरे पौधों के विकास और उत्पादन की प्रक्रिया के अनुसार बाँटा गया है:
किस्म | मात्रा (प्रति पौधा) | उपयोग |
---|---|---|
पौधों की अवधि (0-3 महीने) | ||
वर्गीय खाद (10:10:10) | 10 ग्राम | शीघ्र विकास के लिए |
गौमूत्र खाद | 20 मिलीलीटर | पौधों को पोषण प्रदान करने के लिए |
पौधों की अवधि (3-6 महीने) | ||
वर्गीय खाद (10:10:10) | 20 ग्राम | विकसित होने के लिए |
गौमूत्र खाद | 40 मिलीलीटर | पौधों को पोषण प्रदान करने के लिए |
पौधों की अवधि (6-12 महीने) | ||
वर्गीय खाद (15:15:15) | 30 ग्राम | विकसित होने के लिए |
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (जैसे कि जिंक, कॉपर, बोरॉन) | विशेषज्ञ सलाह के हिसाब से | पौधों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए |
पौधों की अवधि (12-36 महीने) | ||
वर्गीय खाद (20:20:20) | 50 ग्राम | विकसित होने के लिए |
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (जैसे कि जिंक, कॉपर, बोरॉन) | विशेषज्ञ सलाह के हिसाब से | पौधों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए |
पौधों की अवधि (36 महीने के बाद) | ||
वर्गीय खाद (10:26:26) | 75 ग्राम | विकसित होने के लिए |
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (जैसे कि जिंक, कॉपर, बोरॉन) | विशेषज्ञ सलाह के हिसाब से | पौधों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए |
यह सूची विभिन्न विकास चरणों के लिए फर्टीगेशन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखती है, और आपके चन्दन पौधों को सही दिशा में ले

चन्दन की खेती में बीमारियों लिए स्प्रे
रोग किस्म | दवा का नाम | स्प्रे की अनुसूची |
---|---|---|
पादपोक रोग | मैनकोझेब | 30 दिन के अंतराल पर |
अंधवक्त रोग | कॉपर ऑक्सीक्लोराइड | बारिश के बाद या 30 दिन के अंतराल पर |
श्वेत जुए रोग | थायमेथॉक्सम | 20-25 दिन के अंतराल पर |
डीब्यू रोग | कॉपर हायड्रॉक्साइड | 20-30 दिन के अंतराल पर |
कुष्ठ रोग | ट्रायकोडर्मा | 25-30 दिन के अंतराल पर |
श्वेत पोथी की बीमारी | थायमेथॉक्सम | 20-25 दिन के अंतराल पर |
खड़की रोग | काबरेल्ला | 30 दिन के अंतराल पर |
पान खराबी | कॉपर हायड्रॉक्साइड | 20-30 दिन के अंतराल पर |
राजमृग रोग | ट्रायकोडर्मा | 25-30 दिन के अंतराल पर |
यह सूची संदलवुड पौधों के प्रमुख रोगों के लिए दवाओं को और स्प्रे की अनुसूचियों को दिखाती है। ध्यानपूर्वक और स्थानीय कृषि अधिकारियों की सलाह लें, और वायवसायिक नियमों का पालन करें, विशेष रूप से दवाओं के सही मात्रा और समय सारणी की जरूरत होती है।
चन्दन की लकड़ी कब प्राप्त होगी ?
चन्दन पौधों को प्रस्तावना करने के बाद, संदलवुड की लकड़ी प्राप्त करने में समय लगता है। आमतौर पर, पहली लकड़ी प्राप्त करने में समय लगता है, और यह चन्दन पौधों के विकसन, पौधों की उम्र, और पौधों की देखभाल पर निर्भर करता है. सामान्य रूप से, पूरी बालब होने में 15 से 20 साल तक का समय लगता है, लेकिन इसकी लकड़ी पूरी तरह से उपयोगी और मूल्यवान होती है।
चन्दन के वृक्षों का देखभाल:
चन्दन के पौधों की देखभाल की जरूरत होती है ताकि वे सही ढंग से विकसित हो सकें और उच्च गुणवत्ता की लकड़ी पैदा कर सकें। संदलवुड के पौधों की उम्र के साथ-साथ उनके पोषण, बचाव, और कीट प्रबंधन का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है.
सही देखभाल के साथ, चन्दन आपके लिए मूल्यवान लकड़ी का स्रोत बन सकता है, लेकिन धैर्य और सही ज्ञान के साथ काम करना महत्वपूर्ण होता है। यदि आपको किसी भी प्रकार की सहायता चाहिए, तो स्थानीय कृषि विभाग के सलाहकारों से संपर्क करें, जो आपको संदलवुड पौधों के सही देखभाल के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं।

चन्दन की फसल की बिक्री कहां करें:
संदलवुड की लकड़ी को विभिन्न बाजारों में बेचा जा सकता है, जैसे कि लकड़ी के आपूर्ति चेन वाले उद्योग, आरोमा उद्योग, धार्मिक आइटमों के निर्माण, और आयुर्वेदिक औषधि उद्योग. संदलवुड लकड़ी को आपके स्थानीय वन्यजीव संरक्षण संगठन या स्थानीय वन्यजीव निगरानी संगठन के माध्यम से बेचने का भी विचार कर सकते हैं.
चन्दन की खेती के फायदे और नुकसान
यहां एक तालिका है जिसमें संदलवुड पौधों की खेती के फायदे और नुकसान दिए गए हैं:
No. | फायदे | नुकसान |
---|---|---|
1 | चन्दन की लकड़ी मूल्यवान होती है और बेचाई में लाभकारी हो सकती है. | चन्दन की वृक्षों की पालने में समय और धैर्य की आवश्यकता होती है. |
2 | चन्दन की लकड़ी का आयुर्वेदिक औषधि में उपयोग किया जाता है और इसके लकड़ी और तेल के अनुषंसान के स्वास्थ्य लाभ होते हैं. | वृक्षों की देखभाल में उच्च लागत और मुश्किलाएँ हो सकती हैं. |
3 | चन्दन की खेती से वनस्पति संरक्षण में मदद मिलती है, और वन्यजीवों के लिए संरक्षित वातावरण बनाने में सहायक होती है. | वनस्पति की देखभाल के लिए उच्च निवेश और धैर्य की आवश्यकता होती है. |
4 | चन्दन की खेती से कृषि आर्थिक विकास में मदद मिल सकती है और किसानों के लिए नई आय का स्रोत बना सकती है. | चन्दनता है और सही देखभाल की आवश्यकता होती है. |
इस तालिका से चन्दन पौधों की खेती के फायदे और नुकसान का संक्षेप रूप में सारांश दिया गया है, और इससे आपको यह समझने में मदद मिल
चन्दन पौधों की खेती से कितना कमाई
चन्दन पौधों की खेती एक माननीय आय का स्रोत बन सकती है, लेकिन इसमें धैर्य और सही देखभाल की आवश्यकता होती है। संदलवुड की लकड़ी और तेल का मूल्य अधिक होता है, और इससे आपको अच्छा लाभ कमा सकता है. सामान्य रूप से, संदलवुड पौधों की खेती से पहली प्रदर्शन पूर्वक 15 से 20 साल तक का समय लगता है,
लेकिन जब वृक्ष विकसित हो जाते हैं, तो आपको अच्छी कमाई की उम्मीद होती है .

इन्वेस्टमेंट और मुनाफा:
चन्दन की खेती में अच्छी कमाई के लिए आपको उच्च निवेश की आवश्यकता होती है, और यह कई सालों तक पूरी तरह से प्रदर्शन करने में समय लगता है. इसके लिए सही तरीके से पौधों की देखभाल, पोषण, और सुरक्षा की आवश्यकता होती है. संदलवुड की लकड़ी और तेल की मूल्यवानता विकसित बाजार में निर्भर करती है,
इसलिए आपको व्यापारिक बाजारों और वन्यजीव संरक्षण संगठनों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता होती है. चन्दन पौधों की खेती के साथ-साथ साथ में नियमों और विधिओं का पालन करने की भी आवश्यकता होती है, ताकि आप बेहतर रिजल्ट प्राप्त कर सकें.
चन्दन का पेड़ कैसे लगाये : लोगो के द्वारा पुछे जाने वाले प्रश्न
चंदन के पेड़ की कीमत कितनी है?
चंदन के पेड़ की कीमत विभिन्न श्रेणियों में अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर विकल्पों के आधार पर विभिन्न होती है।
लाल चंदन का पेड़ कितने साल में तैयार होता है?
लाल चंदन का पेड़ लगभग 15 से 20 साल की उम्र में तैयार होता है.
लाल चंदन का पौधा कितने रुपए में मिलता है?
लाल चंदन के पौधों की कीमत विभिन्न बाजारों और स्थानों पर भिन्न हो सकती है, इसलिए यह निर्भर करता है कि आप कहाँ से खरीद रहे हैं.
क्या मैं अपने खेत में चंदन उगा सकता हूं?
हां, आप अपने खेत में चंदन की खेती कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए सही ज्ञान और देखभाल की आवश्यकता होती है.
भारत का सबसे महंगा पेड़ कौन सा है?
भारत में सबसे महंगा पेड़ आमतौर पर चंदन का होता है.